दस्तक टाइम्स/एजेंसी- नई दिल्ली: मुंबई के अंडरवर्ल्ड के डॉन छोटा राजन की अचानक गिरफ्तारी से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। इसमें प्रमुख सवाल यह भी है कि राजन की गिरफ्तारी क्या उसकी सहमति से हुई है? बताया जाता है कि छोटा राजन देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का करीबी रहा है। इसके अलावा भारतीय एजेंसियों से भी उसकी नजदीकियां रही हैं। ऐसे में इंडोनेशिया में उसकी अचानक गिरफ्तारी स्वाभाविक रूप से प्रश्न पैदा करने वाली है।
भारत के फरार मुजरिम छोटा राजन की जो ताजा तस्वीरें सामने आई हैं उनमें वह बाली पुलिस की गिरफ्त में होने के बावजूद मुस्कराता हुआ दिखाई दे रहा है। यह तस्वीरें खुद ही कुछ कहने की कोशिश कर रही हैं। जिसकी कई सालों से तलाश थी उसकी इतनी आसानी से गिरफ्तारी हैरत में डालने वाली है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का करीबी रहा है राजन
बताया जाता है कि कुछ साल पहले तक छोटा राजन की भारत के मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से काफी निकटता रही है। सन 2005 में मुंबई पुलिस ने राजन के दो साथियों विकी मलहोत्रा ओर फरीद तानाशाह को जब गिरफ्तार किया था तब डोभाल उनके साथ थे। राजन पर कई अपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ करीब 22 अपराधिक मामले चल रहे हैं।
तीन पासपोर्ट हैं डान के
रॉ के मुताबिक राजन को बाली के समय के मुताबिक रविवार को सुबह 10 बजे गिरफ्तार किया गया। बाली पुलिस ने सीबीआई को बताया है कि राजेंद्र सदाशिव निखलजे नाम का एक भगोड़ा पकड़ा गया है जिसका पासपोर्ट नंबर जी-9273860 है। इसके बारे में उन्हें कैनबरा पुलिस ने जानकारी दी थी। बताया जाता है कि राजन के पास से इसके अलावा दो और पासपोर्ट मिले हैं। इनमें से एक पासपोर्ट सिडनी में बना जिस पर उसका नाम मोहन कुमार लिखा है।
सीबीआई बता रही बड़ी कामयाबी
भारत के लिए राजन की गिरफ्तारी एक बड़ी कामयाबी है। सीबीआई इसे अपनी बड़ी कामयाबी बता रही है। सीबीआई के निदेशक अनिल सिन्हा का कहना है कि राजन का अरेस्ट वारंट भारत में 1994 में जारी किया गया था और 1995 में इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। वैसे राजन की गिरफ्तारी भारत-आस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया के बीच अच्छे सम्बंधों का भी परिणाम है।
भारत जल्द लाया जाएगा डॉन
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि छोटा राजन को भारत लाने के लिए अब कानूनी प्रक्रिया का सहारा लिया जाएगा। जल्द ही सीबीआई और आईबी के अफसर बाली के लिए रवाना किए जाएंगे। इंडोनेशिया के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है लेकिन अभी तक उस पर सरकारी मोहर नहीं लगी है। इसकी वजह से छोटा राजन को भारत लाने में शायद बहुत मुश्किल नहीं होगी। अगर संधि होती तो भारत को अपना मामला कोर्ट मे पेश करना पड़ता। मौजूदा स्थिति में डॉन को डीपोर्ट किया जा सकता है।
राजन था दाऊद का करीबी
कभी दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ रहा छोटा राजन बाद में दाऊद गिरोह से ही टकराता रहा। हाल के दिनों में उस पर हमले भी हुए। रॉ के मुताबिक बैंकाक के हमले के बाद वह एक जगह ज्यादा नहीं टिकता था। वह कभी आस्ट्रेलिया, कभी बाली तो कभी कम्बोडिया में होता था। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि कहीं उसकी गिरफ्तारी अंडरवर्ल्ड के टकराव का नतीजा तो नहीं है। वैसे राजन कुछ समय से मेडीकली फिट भी नहीं। इस पर फिर सवाल किया जा रहा है कि उसे भारत वापस लाने के लिए ही तो कहीं उसकी गिरफ्तारी नहीं कराई गई?