जंगल सफारी की शेरनी बनी बच्चा पैदा करने की मशीन
जंगल सफारी की शेरनी वसुंधरा द्वारा चार माह के भीतर दूसरी बार चार शवाकों को जन्म देने की सूचना है। इन शावकों में एक शावक की मौत की सूचना है। हालांकि अधिकारी वसुंधरा द्वारा शावक को जन्म देने की बात पर अनभिज्ञता जता रहे हैं।
सूत्रों की मानें, तो दो-तीन दिन पहले जंगल सफारी में वसुंधरा ने चार शावकों को जन्म दिया है। इसके पहले पांच माह पूर्व वसुंधरा ने जून में तीन शावकों को जन्म दिया था, जिनमें दो शावकों की मौत हो गई थी।
जंगल सफारी में वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने प्रकृति के विपरीत वन्यजीवों का इंटरकोर्स कराया जा रहा है। इसी वजह से शावक की मौत होने की बात सूत्र बता रहे हैं। जानकारों की मानें, तो शेरनी को बच्चा जन्म देने के बाद, सफारी, जू में कम से कम एक साल गेप के बाद गर्भाधारण कराया जाना चाहिए।
ऐसा नहीं करने से शेरनी और पैदा होने वाले शावक की सेहत पर विपरीत असर पड़ता है। जंगल सफारी में शावक की मौत की वजह शेरनी के तय समय से पहले गर्भाधारण कराने की वजह से शावक की मौत होने की बात जानकार कह रहे हैं।
बाकी के अन्य शावक भी कमजोर
सूत्रों की मानें, तो समय से पहले गर्भधारण करने की वजह से शेरनी के अन्य तीन बच्चे भी कमजोर हैं। इनमें एक शावक की हालत नाजुक बनी हुई है। शावकों की देखरेख के लिए जंगल सफारी में डॉक्टरों की टीम तैनात करने की बात कही जा रही है। शावकों को ठंड से बचाने के उपाय किए जा रहे हैं।
दूध बंद कराने की आशंका
जानकारों की मानें, तो शेरनी बच्चे को जन्म देने के बाद चार से पांच माह तक गर्भधारण नहीं करती। इसकी वजह शेरनी अपने बच्चों को दूध पिलाती है। इस वजह से शेरनी गर्भधारण नहीं करती।
जानकारों का आरोप है कि पिछली बार वसुंधरा द्वारा बच्चे पैदा करने के बाद उसके बच्चों को उससे दूर कर दिया गया होगा। इस वजह से वसुंधरा महज पांच माह के भीतर दूसरी बार मां बनी है। इस मामले में जब अधिकारियों से संपर्क कर बात करने कोशिश की गई, तो अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते नजर आए।
सेहत पर असर
किसी भी वन्यजीव को समय से पहले गर्भाधारण नहीं कराना चाहिए, इससे वे कमजोर बच्चों को जन्म देते हैं और उनकी सेहत पर भी असर पड़ता है। जंगल में शेरनी तीन साल के बाद गर्भधारण करती है। इसकी वजह से वह अपने बच्चों को शिकार करने पूरी तरह प्रशिक्षित कर लेती है, उसके बाद गर्भाधारण करती है।