केजरीवाल सरकार ने नोटबंदी की कवायद का मोदी सरकार से हिसाब मांगने के पहले खुद अपनी सरकार का दो साल का हिसाब जनता को देने की तैयारी कर ली है। इसके लिए दिल्ली सरकार के अब तक के कामों की फेहरिस्त बनना शुरू हो गया है।
ज्ञात हो कि आगामी 14 फरवरी को केजरीवाल सरकार के दो साल पूरे हो जाएंगे। इस बीच सरकार के पूरे या अधूरे पड़े कामों का ब्यौरा जनता के बीच पेश करने की तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके लिए सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय दो साल के कामों की पुस्तिका जारी करेगा। साथ ही सरकार के मंत्री भी अपने विभागों का रिपोर्ट कार्ड सीधे जनता के बीच पेश करेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी विभागों से पिछले एक साल में पूरे किए गए कामों की सूची दो सप्ताह के भीतर सौंपने को कहा है। हालांकि सरकार का दूसरा साल पूरा होने के कार्यक्रम की अंतिम रूपरेखा विभागों से रिपोर्ट कार्ड मिलने के बाद ही तय होगी।
पिछले साल सरकार का एक साल पूरा होने पर भी केजरीवाल सरकार ने जनता के बीच अपना रिपोर्ट कार्ड पेश किया था। इसे एक साल बेमिसाल के तौर पर पेश किया गया था। इसमें सीएम सहित सभी मंत्रियों ने अपने कामकाज का ब्यौरा जनसभाओं और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से पेश किया था।
सत्रों के मुताबिक दूसरे साल में सरकार पूरे नहीं हो सके कामों की हकीकत से भी जनता को रूबरू कराएगी। इसमें मोहल्ला क्लीनिक, स्कूल इमारतें, फ्री वाईफाई और सड़क परियोजनाओं जैसे लंबित कामों के अधूरे रहने की वजह से जनता को अवगत कराया जाएगा। इसमें यह बताया जाएगा कि केन्द्र सरकार द्वारा राजनिवास के मार्फत पैदा की गई अड़चनों के कारण ये काम लंबित पड़े हैं। जबकि उपलब्धियों के तौर पर सरकार द्वारा तमाम दबावों के बावजूद बिजली के दाम और निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी न होने देना तथा पानी पर सब्सिडी के बावजूद जलबोर्ड के मुनाफे को दर्शाया जाएगा।