जन्मतिथि व नाम का पासवर्ड तुरंत बदल लें
भोपाल। ‘ई-मेल का पासवर्ड खुद, पत्नी व बच्चों की डेट ऑफ बर्थ और उनके नाम से मिला-जुला नहीं होना चाहिए। यदि इस तरह का पासवर्ड बनाया है तो तुरंत बदल दें, ताकि हैकर पासवर्ड पता न कर सकें। यदि आप किसी भी तरह के भुगतान के लिए कार्ड ऑनलाइन यूज करते हैं, उसमें भी पासवर्ड डालते समय भी वर्चुअल की-बोर्ड का उपयोग करें। ऐसा करने से कोई पासवर्ड देख भी ले तो उसे ट्रेस नहीं कर पाएगा।’
यह जानकारी ई-मेल पर होने वाली जानकारी को सुरक्षित रखने के बारे में बताते हुए सायबर एक्सपर्ट योगेश पंडित ने दी। वे शनिवार को द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की भोपाल ब्रांच द्वारा आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। इसमें चार्टर्ड अकाउंटेट्स की रोजमर्रा के कामकाज में इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी के उपयोग, ई-फाइलिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड के उपयोग, ई-मेल और सोशल मीडिया के उपयोगों पर चर्चा हुई।
योगेश पंडित ने बताया कि सायबर क्राइम लगातार बढ़ रहा है, इसलिए जरूरी है कि सोशल मीडिया पर निजी जानकारी शेयर करने से बचें। ई-मेल का पासवर्ड बदलते रहे। ऐसा करने से सायबर क्राइम से काफी हद तक बचे रहेंगे। सेमिनार का शुभारंभ दिल्ली से आए सेंट्रल काउंसिल मेम्बर सीए मुकेश कुशवाहा ने किया। इस मौके पर भोपाल ब्रांच के चेयरमैन सौरभ श्रीवास्तव, वायएमईसी चेयरमैन नवनीत गर्ग, अनूप श्रीवास्तव समेत ब्रांच के मेम्बर मौजूद थे।
कानून याद होने के साथ हार्ड वर्किंग जरूरी
इनकम टैक्स मामलों के एक्सपर्ट व सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट कपिल गोयल ने कहा कि इनकम टैक्स से जुड़े किसी भी मामले में कानून याद होने से काम नहीं चलता। संबंधित मामले की फाइलों के साथ हार्ड वर्किंग भी जरूरी है, ताकि हाई अथॉरिटी के सामने मामले को प्रेजेंट करने में सीए का दबाव बना रहे। यदि ऐसा नहीं किया तो जब फैक्ट की बात आएगी आप प्रेजेंटेशन में पिछड़ जाएंगे। जिसका केस डील कर रहे हैं उसे भी नुकसान होगा।
स्टार्ट-अप को नई गति दे सकता है सीएः अंजनी कुमार
स्टार्ट-अप और इंटरपे्रन्योरशिप में चार्टर्ड अकाउंटेंट अच्छी भूमिका निभा सकते हैं। यह बात दिल्ली से आए सीए अंजनी कुमार शर्मा ने कही। उनका कहना था चार्टर्ड अकाउंटेंट फाइनेंस, लीगल कम्पलायंस, रिसीवेबल एवं पेएबल मैनेजमेंट जैसे विभागों में सेवाएं देकर स्टार्ट-अप व इंटरप्रेन्योरशिप सेक्टर में तेजी ला सकता है।