जब अमरीका बोला- चीन और रूस मिलकर उत्तर कोरिया के खिलाफ उठाएं कड़े कदम
वाशिंगटन: अमरीका ने चीन और रूस से उत्तर कोरिया के उकसावे वाले मिसाइल परीक्षणों के खिलाफ अपनी असहिष्णुता जाहिर करने के लिए प्योंगयांग के खिलाफ प्रत्यक्ष तौर पर कार्रवाई करने की अपील की है।
प्योंगयांग के एक और मिसाइल परीक्षण करने के बाद अमरीका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा,‘‘चीन अपना अधिकतर तेल उत्तर कोरिया को मुहैया करवाता है। रूस उत्तर कोरियाई मजदूरों की बड़ी संख्या में नियुक्ति करता है। चीन और रूस को उस पर प्रत्यक्ष कार्रवाई करते हुए उसके लापरवाही भरे मिसाइल प्रक्षेपणों के खिलाफ अपनी असहिष्णुता जाहिर करनी चाहिए।’’
उत्तर कोरिया ने आज तड़के जिस मिसाइल का प्रक्षेपण किया वह जापान के ऊपर से हो कर गुजरी और प्रशांत क्षेत्र में गिरी। टिलरसन ने कहा,‘‘यह दूसरी बार है जब उत्तर कोरिया ने इस तरह की उकसावे वाली कार्रवाई की है और उसकी मिसाइल सीधा खतरा उत्पन्न करते हुए, जापान के ऊपर से हो कर गुजरी है। जापान, अमरीका का एक संधि सहयोगी देश है।’’
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विदेश मंत्री ने कहा कि लगातार उकसावे वाले यह कृत्य उत्तर कोरिया के राजनयिक एवं आर्थिक अलगाव को और गहरा करते हैं।उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव(जिसमें हाल ही में सर्वसम्मति से पारित हुआ प्रतिबंध प्रस्ताव भी शामिल है)धरातल का प्रतिनिधित्व करते हैं कि हमें कौन से कदम उठाने चाहिए। हम सभी देशों से किम शासन के खिलाफ नए कदम उठाने की अपील करते हैं।