वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान के फाउंडर्स-डे के मौके पर सेंट्रल यूनिवर्सिटी हैदराबाद के भाभा चेयर प्रोफेसर वीपी डिमरी ने कार्बन डाई आक्साइड के भूमि में दबाने की विधि पर व्याख्यान दिया।
उन्होंने बताया कि कारखानों से निकलने वाले धुंए को जमीन के अंदर दबाया जाए। पाइप के जरिये या गहरा गड्ढा करके धुंए को अंदर डाला जा सकता है। इससे प्रदूषण कम होगा और भूगर्भ की गहराई में कार्बन डाई आक्साइड के जाने से पेट्रोलियम और कोयला क्षेत्र को फायदा होगा।
प्रोफेसर डिमरी ने विज्ञानियों को बताया कि कार्बन डाई आक्साइड गैस एक किमी भूगर्भ में जाकर तरल में तब्दील हो जाती है।
उन्होंने बताया कि आयल फील्ड में पेट्रोलियम का एक रूप बहुत अधिक गाढ़ा होता है और उसे निकाला नहीं जा पाता। इसमें कार्बन डाई आक्साइड मिल जाएगी तो उसका गाढ़ापन कम होगा और उसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। उन्होंने इसे कोयला निर्माण में भी उपयोगी बताया।
प्रोफेसर डिमरी ने बताया कि इस विधि का इस्तेमाल नार्वे और कनाडा में किया जा रहा है। उन्होंने वहां इस विधि का अध्ययन किया है।
एक जगह दबाया कार्बन भूगर्भ में दूर तक चला जाता है। यह विधि शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण कम करने के लिए उपयोगी है। इससे विकास की प्रक्रिया भी नहीं रुकेगी और प्रदूषण को कम किया जा सकेगा। इसमें खर्च भी अधिक नहीं है।