जब देव आनंद की दी हुई अंगूठी समंदर में फेंक कर चली गईं थी एक्ट्रेस सुरैया
26 सितंबर 1923 को जन्मे देव आनंद का निधन 3 दिसंबर 2011 को हुआ था। 50 और 60 के दशक में देव साहब उन एवरग्रीन और सुपर स्टार्स में से एक थे जिनका अंदाज़ सबसे निराला था। आज आपको बताते है देव आनंद और सुरैया की अधूरी प्रेम कहानी के बारें में।
नई दिल्ली: 26 सितंबर 1923 को जन्मे देव आनंद का निधन 3 दिसंबर 2011 को हुआ था। 50 – 60 के दशक में देव साहब उस वक़्त एवरग्रीन और सुपर स्टार्स में से एक थे जिनका अंदाज़ सबसे निराला था। उनके स्टाइल और चार्म की चर्चा हर तरफ होती थी। इतना ही नहीं देव आनंद के अपनी अभिनेत्रोई के साथ अफेयर के चर्चे सुर्खियों में रहते थे। लेकिन उनका पहला प्यार अधूरा रह गया था। हम बात कर रहे है उस ज़माने के खूबसूरत और मशहूर अदाकारा सुरैया की, देव साहब और सुरैया के रिश्ते के बारे में हमेशा चर्चाओं का बाज़ार गर्म रहा। कहते है देव आनंद के प्यार के चलते सुरैया ने कुंवारी रह बिताई पूरी जिंदगी। तो आइये आज आपको बताते है देव आनंद और सुरैया की अधूरी प्रेम कहानी के बारें में।
26 सितंबर 1923 को पंजाब के शंकरगढ़ (अब पाकिस्तान में) में जन्मे देव आनंद ने लाहौर से अंग्रेजी में पढ़ाई की लेकिन वो हिंदी सिनेमा में अपनी किस्मत आज़माना चाहते थे। उनकी यही चाह उन्हें मायानगरी मुंबई ले आई। 100 से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके देव आनंद का असली नाम धरमदेव पिशोरीमल आनंद था। देव आनंद ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1946 में आई फिल्म ‘हम एक हैं’ से की थी, हालांकि ये फिल्म ज्यादा कमाल नहीं कर पाई। इसके बाद साल 1948 में आई ‘जिद्दी’ फिल्म ने देव साहब को हिट बना दिया। इसी दौरान देव आनंद को उस वक़्त की मशहूर अदाकारा सुरैया से मोहब्बत हो गई थी। देव आनंद के अंदाज पर सुरैया भी फ़िदा हो गई थीं।
हो भी क्यों न देव आनंद उस वक़्त के सबसे हैंडसम एक्टर्स में से के थे। 1948 में फिल्म विद्या की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात अभिनेत्री सुरैया से हुई। ये पहला मौका था जब देव आनंद और सुरैया किसी फिक्म में एक साथ काम करे रहे थे। इसी फिल्म की सेट पर दोनों को एक दुसरे से प्यार हो गया था। उस वक़्त सुरैया एक बड़ी स्टार बन चुकी थीं जबकि देव आनंद कामयाबी की शुरुआती सीढ़ियां चढ़ रहे थे। साल 1951 तक दोनों ने कुल सात फिल्मों में साथ काम किया था और दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा, दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे। अपनी जीवनी ‘रोमांसिंग विद लाइफ’ में देव आनंद ने अपनी इस लव स्टोरी का जिक्र भी किया है।
लेकिन देव साहब और सुरैया का प्यार अपने अंजाम तक नहीं पहुंच सका, दरअसल सुरैया मुसलमान थीं वही देव साहब हिंदू, इस वजह से सुरैया की नानी को ये रिश्ता बिलकुल मंजूर नहीं था। मजहब की इस दीवार ने दोनों की प्रेम कहानी का अंत कर दिया। कहते है सुरैया के लिए देव साहब ने सगाई की अंगूठी खरीदी थी लेकिन उनकी आखिरी मुलाकात में सुरैया वो अंगूठी समंदर में फेंक कर चली गईं। उसके बाद सुरैया उम्र भर बिना शादी किये रहीं, वो अपने मन से देव साहब का प्यार भूला ना पाई। और इस तरह मज़हब की दीवार के चलते दोनों का प्यार अधूरा रह गया।
साल 1954 में देव आनंद ने एक्ट्रेस मोना सिंह (कल्पना कार्तिक) से शादी कर ली, 2011 में उनकी पत्नी का देहांत हो गया था। वही सुरैया ने भी 2004 में आखरी सांस ली, 3 दिसंबर 2011 को देव साहब ने दुनिया को अलविदा कह दिया था । देव आनंद साहब को हिंदी सिनेमा में अपने अभूतपूर्व योगदान के लिए 2001 में पद्म भूषण और 2002 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। लोकमत न्यूज़ की तरफ से देव आनंद को विनम्र श्रद्धांजलि।