नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने कहा कि अगर पेंटागन (यूएस डिफेंस डिपार्टमेंट हेडक्वार्टर) में वाईफाई फैसिलिटी है तो ये सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं हो सकती? उन्होंने यह बात SC की वेबसाइट ‘इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट सिस्टम’ की लॉन्चिंग के दौरान बुधवार को कही। इसके पहले नरेंद्र मोदी ने वेबसाइट लॉन्च की थी। इससे पिटीशनर को अपने केस की ऑनलाइन इन्फॉर्मेशन मिलेगी। प्रोग्राम में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सीजेआई जस्टिस जेएस. खेहर भी मौजूद थे। जस्टिस ने एक्सपीरियंस शेयर किए…
– जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, ”पेंटागन वाईफाई के साथ काम करता है तो दूसरी संस्थाओं में इसे लगाने पर क्या परेशानी हो सकती है? सुप्रीम कोर्ट कैंपस में वाईफाई नहीं है। किसी ने पूर्व सीजेआई को आइडिया दे दिया था कि इससे इन्फॉर्मेशन लीक होगी और कोर्ट की सिक्युरिटी को खतरा हो सकता है।”
– SC में 3 साल के एक्सपीरियंस शेयर करते हुए जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, ”मैं जस्टिस चौहान और जस्टिस कुरियन जोसेफ के साथ बेंच का मेंबर था। हम एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। इस दौरान दलीलें और कानूनी सवाल काफी कठिन थे। कई वकील आते और बिना कुछ बोले लौट जाते। संयोगवश मैं कोर्ट रूम में आमतौर पर मजाक करता हूं। मैंने कहा- देश की न्यायपालिका इकोलॉजी के लिए बड़ा खतरा है।’
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कागज बर्बाद न हो इसके लिए पेनड्राइव में रिकॉर्ड दें
– जस्टिस चेलमेश्वर ने आगे कहा, ”किसी केस की सुनवाई के दौरान डुप्लीकेसी में बड़ी तादाद में कागज बर्बाद हो जाता है। ज्यूडीशियल सिस्टम में मौजूद सब लोग इसे जानते हैं। शायद कानून मंत्री भी, उन्होंने भी प्रैक्टिस की है। लेकिन पीएम ने इसे नहीं देखा होगा। आपको देखना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट में कितना पेपर इस्तेमाल होता है।”
– ”किसी केस में कई टन कागज लग जाते हैं। मैं सिस्टम से गुजारिश करता हूं कि क्यों नहीं इसके लिए ई-फॉर्म की शुरूआत की जाए। केस की सारी डिटेल हमें पेनड्राइव में सेव कर दे दी जाए।”
– ”किसी केस में कई टन कागज लग जाते हैं। मैं सिस्टम से गुजारिश करता हूं कि क्यों नहीं इसके लिए ई-फॉर्म की शुरूआत की जाए। केस की सारी डिटेल हमें पेनड्राइव में सेव कर दे दी जाए।”
पेपरलेस कामकाज की ओर बढ़ेगा SC
-सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन फैसिलिटी शुरू होने से पेपरलेस कामकाज को बढ़ावा मिलेगा। अब पिटीशनर ऑनलाइन अपने केस की इन्फॉर्मेशन जान सकेंगे। बुधवार को नरेंद्र मोदी ने इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम का इनॉगरेशन किया।
– इस दौरान मोदी ने कहा, “टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जरूरी है। ऐसा न करने वाले आइसोलेशन में चले जाते हैं। असल समस्या माइंडसेट की है। इसे चेंज कर बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।”