जम्मू कश्मीर : आतंकवादियों की धमकी और कुछ राजनीतिक दलों के बायकॉट के बीच आज “सोमवार” को जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण के लिए वोटिंग की जा रही है| वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू हो गई है| वोटिंग को देखते हुए राज्य में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है| पहले चरण में कुल 11 जिलों में वोटिंग की जा रही है| सोमवार को जिन जिलों में वोटिंग हो रही है,उनमें अनंतनाग (4 वार्ड), बडगाम (1 वार्ड), बांदीपोरा (16 वार्ड), बारामूला (15 वार्ड), जम्मू (153 वार्ड), करगिल (13 वार्ड), कुपवाड़ा (18 वार्ड), लेह (13 वार्ड), पुंछ (26 वार्ड), राजौरी (59 वार्ड), श्रीनगर (3 वार्ड) शामिल हैं| कई सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के उम्मीदवार ना खड़े होने की वजह से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पहले ही जीत दर्ज कर चुके हैं| वोटिंग को देखते हुए दक्षिण कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट को बंद कर दिया गया है, जबकि अन्य इलाकों में इंटरनेट की स्पीड को 2G तक सीमित कर दिया गया है| वोटिंग के दौरान कोई दिक्कत ना हो इसको देखते हुए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज़ उमर फारूक को नज़रबंद कर लिया गया| उन्होंने खुद इसकी जानकारी ट्वीट करके दी| सिर्फ मीरवाइज़ ही नहीं बल्कि यासीन मलिक और सैयद अली शाह गिलानी को भी नज़रबंद किया जा चुका है| रविवार को भी मतदान से पहले सुरक्षाबलों ने मतदान वाले क्षेत्र के आस-पास सर्च ऑपरेशन चलाया था| सुरक्षाबलों की तरफ से कुल 6 गांवों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था| जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकायों के चुनाव चार चरणों में होंगे| 8 अक्टबूर के बाद दूसरे चरण का मतदान 10 अक्टूबर को, तीसरे फेज की वोटिंग 13 अक्टूबर और अंतिम चरण का मतदान 16 अक्टूबर को होगा| वोटों की गिनती 20 अक्टूबर को होगी| राज्य के चुनाव अधिकारी के मुताबिक पहले फेज में कुल 422 वार्डों के लिए 1,283 उम्मीदवार मैदान में हैं| इनमें जम्मू में 1010, कश्मीर में 207, लद्दाख में 66 उम्मीदवार हैं| 4 चरणों में होने वाले चुनाव के लिए कुल 2,990 उम्मीदवार मैदान में हैं| अब तक लगभग 244 उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं, जिनमें से ज्यादातर कश्मीर घाटी से हैं| राज्य की मुख्यधारा की दो पार्टियां नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी इन चुनावों का बहिष्कार किया है| ये दल संविधान के अनुच्छेद 35-ए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिये जाने का विरोध कर रहे हैं|