जम्मू. जम्मू कश्मीर सरकार ने पैलेट गन की शिकार 16 वर्षीय युवती को उसकी आजीविका सुनिश्चित करने के लिये गैस एजेंसी देने का फैसला किया है. वह जम्मू कश्मीर में 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के आये परिणामों में उत्तीर्ण रही थी.
इंशा मुश्ताक ने पैलेट गन के छर्रे लगने के कारण आंखे खोने के बाद संगीत का अध्ययन किया. 2016 की गर्मियों में हुये आंदोलन के दौरान पैलेट गन के कारण घायल इंशा के चेहरे ने घाटी में पैलेट गन के छर्रो के इस्तेमाल के खिलाफ आवाज बुलंद की. उस समय वह अपने घर की खिड़की पर खड़ी थी और बाहर चल रहे विरोध प्रदर्शन को देख रही थी.
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्य विधानसभा में राज्यपाल के संभाषण पर धन्यवाद ज्ञापन के जवाब में कहा, ‘इंशा मुश्ताक, जिसने अपनी मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की है, उसे गैस एजेंसी उपलब्ध करायी जाएगी.’ इंशा दक्षिण कश्मीर के सोपियां जिले के दूर-दराज के गांव की रहने वाली है. वह परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले राज्य के कुल 43,000 छात्रों में शामिल है. परीक्षा परिणामों की घोषणा कल की गयी थी.