परिवहन विभाग ने संभागीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में सक्रिय दलालों की दुकानें बंद करने के लिए सख्त फैसला लिया है। अब दलाल आरटीओ कर्मियों से साठगांठ कर आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) प्रिंट नहीं करा सकेंगे क्योंकि प्रदेश भर के आरटीओ कार्यालय अब सिर्फ डीएल बनाने की औपचारिकता तक ही सीमित हो जाएंगे। डीएल की छपाई सिर्फ लखनऊ स्थित परिवहन विभाग के मुख्यालय में ही होगी।
परिवहन आयुक्त पी. गुरु प्रसाद के मुताबिक बृहस्पतिवार को डीएल छापने के लिए फर्म का चयन करने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। एक अक्तूबर को इस टेंडर को लेकर प्रीबिड कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है।
दरअसल, वर्तमान में जो फर्म एमटेक डीएल को छापने का कार्य कर रही उसका कार्यकाल 7 नवंबर को खत्म हो रहा है। इससे पहले नई फर्म का चयन हो जाएगा। नई फर्म मुख्यालय स्तर पर डीएल की छपाई करेगी।
10 दिन में नहीं पहुंचा डीएल तो जुर्माना
मुख्यालय के संभागीय परिवहन अधिकारी (सूचना प्रौद्योगिकी) संजय नाथ झा ने बताया कि लखनऊ में डीएल छपने के बाद भी आवेदकों को 10 दिन के अंदर उनके पते पर पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरटीओ से भी 7 से 10 दिन में डीएल आवेदक के पते पर पहुंच रहे हैं। यदि तय अवधि में यह डीएल नहीं पहुंचेंगे तो फर्म पर जुर्माना लगेगा। जुर्माना प्रति दिन के हिसाब से वसूल किया जाएगा।
अब नहीं देना होगा लिफाफा
परिवहन विभाग मुख्यालय से डीएल के छपने के दौरान आवेदकों को फार्म संग अब 22 रुपये के टिकट लगा हुआ लिफाफा नहीं देना पड़ेगा। आवेदक के द्वारा बायोमीट्रिक टेस्ट कराने के चौथे दिन डीएल घर के पते पर डिस्पैच होगा। 10 दिन के भीतर आवेदक को डीएल न मिले तो हेल्पलाइन नंबर 18001800151 पर शिकायत दर्ज कराते हुए अपना पूरा विवरण दर्ज सकते हैं।
फैक्ट फाइल
– प्रदेश में सालाना बनते हैं 22 लाख डीएल
– रोजाना डीएल के 6000 से अधिक आवेदन
– लखनऊ में 800 लर्निंग, परमानेंट डीएल बन रहे