जानें कितनी प्रॉपर्टी का मालिक है रामरहीम, इसी से हर्जाना वसूलेगी सरकार
नई दिल्ली : रेप केस में 20 साल की सजा काट रहे राम रहीम की प्रॉपर्टी की रिपोर्ट हरियाणा सरकार ने तैयार कर ली है। इसे हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा।
हरियाणा में फैली राम रहीम की प्रॉपर्टी की कीमत करीब 1600 करोड़ रुपये है। सूबे में 16 जिलों में डेरे की प्रॉपर्टी है, जिसमें सिरसा में 1453 करोड़ की प्रॉपर्टी है। हाईकोर्ट के निर्देश पर सरकार 204 करोड़ रुपये वसूलेगी।
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25 अगस्त को रेपिस्ट बाबा राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद हुई हिंसा में करीब 204 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, जो सरकार उसकी संपत्ति से वसूलेगी। यह खर्च अभी बढ़ सकता है, क्योंकि सरकार ने लोगों के हुए नुकसान की डिटेल भी मांगी है। इसके लिए एफआईआर दर्ज करवाकर डिटेल दी जानी है। इसके साथ ही सरकारी संस्थाओं का नुकसान भी है।
इस 204 करोड़ रुपये में रोडवेज का 14 करोड़, उत्तरी रेलवे के 50 करोड़, सेना और अर्द्धसैनिक बालों के 45 करोड़ और पंचकूला समेत प्रदेश भर में हिंसा और आगजनी का 95 करोड़ का नुकसान दिखाया गया है। हिंसा के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद ही सरकार नुकसान का आंकलन करके इसे राम रहीम की संपत्ति से वसूलेगी।
डेरा के प्रॉपर्टी की कीमत
सिरसा- 1453 करोड़
अंबाला- 32।20 करोड़
झज्जर- 29।11 करोड़
फतेहाबाद- 20।70 करोड़
जिंद- 19।33 करोड़
सोनीपत- 17।65 करोड़
कैथल- 11।16 करोड़
कुरुक्षेत्र- 7।42 करोड़
हिसार- 7।03 करोड़
भिवानी- 3।87 करोड़
यमुना नगर- 3।14 करोड़
कर्नाल- 6 करोड़
पानीपत- 2।82 करोड़
फरीदाबाद- 1।56 करोड़
रोहतक- 47 लाख
रेवाड़ी- 37 लाख
सिरसा डेरा के प्रॉपर्टी की डिटेल
1। डेरा सच्चा सौदा का पुराना भवन और एसी मार्केट
2। डेरा का नया भवन और उनमें ब्वॉयज स्कूल, गर्ल्स स्कूल और कॉलेज
3। क्रिकेट स्टेडियम
4। फाइव स्टार होटल
5। डेरा बाबा की गुफा (तेरावास)
6। एमएसजी इंटरनेशनल स्कूल
7। शाह सतनाम सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल
8। विभिन्न फैक्ट्रियां
9। एसएमजी प्रोडक्ट्स
10। फिल्म सिटी सेंटर
11। माही सिनेमा
12। कशिश रेस्टोरेंट
13। ऑर्गेनिक खेती के बाग-बगीचे
14। डेरे की शिक्षण संस्थाओं की वैन और अन्य गाड़ियां
15। शाही बेटियां आश्रम
16। खेल गांव (निर्माणाधीन)
दो कमरों से बनी करोड़ों की संपत्ति :
सिरसा में स्थित छोटा डेरा वर्ष 1948 में शाह मस्ताना जी द्वारा स्थापित किया गया था। उस दौर में छोटे डेरा में 2 कमरे हुआ करते थे। इसमें से एक में स्वयं शाह मस्ताना जी रहते थे। इन कमरों को नीचे अंडरग्राउंड जीवन के अनुकूल बनाया गया था। उस समय एसी की व्यवस्था नहीं थी, इसलिए इन कमरों में गर्मियों में ठंडक और सर्दियों में गर्मी रहती थी।
ऐसे सामने आई बाबाजी की गुफा :
शाह मस्ताना जी के सेवादार उस दौर में उस कमरे को गुफा बुलाते थे। इसके पीछे उनका तर्क था कि बाबाजी गुफा में एकांत में साधना में लीन रहते हैं। इसी गुफा शब्द की परंपरा गुरमीत राम रहीम के दौर तक भी प्रचलित है। बताया जाता है कि शाह मस्ताना जी के वक्त में डेरा के पास कुल 5 एकड़ जमीन थी। जो अब बढ़कर 1093 एकड़ हो चुकी है।
1990 में राम रहीम को मिली गद्दी :
साल 1960 में सिरसा के ही गांव जलालआना के रहने वाले सरदार हरबंस सिंह को शाह मस्ताना जी ने नया नाम शाह सतनाम दे कर गद्दी पर बिठाया। इस गद्दी को संभालने वाले संत शाह सतनाम जी ने डेरा की परंपराओं को आगे बढ़ाया और अपने कार्यकाल में वे भी इसी छोटे डेरे में आवास करते थे। 23 सितंबर 1990 में शाह सतनाम जी ने राम रहीम को गद्दी सौंप दी।