जानें क्यों……रहमतो और बरकत का महिना है रमजान
माना जाता है कि रमजान के पाक महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं. इसलिए इस माह में किए गए अच्छे कर्मों का फल कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है और ऊपर वाला अपने बंदों के अच्छे कामों पर नजर करता है उनसे खुश होता है. कहते हैं कि रमजान के पाक माह में दोजख यानी नर्क के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं.
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रमजान के पाक महीने में अल्लाह से अपने सभी बुरे कर्मों के लिए माफी भी मांगी जाती है. महीने भर तौबा के साथ इबादतें की जाती हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से इंसान के सारे गुनाह धुल जाते हैं. माहे रमजान में नफिल नमाजों का शबाब फर्ज के बराबर माना जाता है. रमजान में रोजा रखा जाता है. रोजादार भूखे-प्यासे रहकर खुदा की इबादत करते हैं. वे सिर्फ सहरी और इफ्तार ही ले सकते हैं.
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रोजादार को झूठ बोलना, चुगली करना, गाली-गलौज करना, औरत को बुरी नजर से देखना, खाने को लालच भरी नजरों नहीं देखना चाहिए.रहमतो और बरकतों का ये महीना अच्छे कामों का सबब देने वाला होता है. इसी वजह से इस माह को नेकियों का माह भी माना जाता है. इस माह को कुरान शरीफ के नाजिल का महीना भी माना जाता है. माना जाता है कि पाक रमजान माह में फर्ज नमाजों का शबाब 70 गुणा बढ़ जाता है.