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जानें, नीलम कैसे बचाता है शनिदेव की कुदृष्टि से

पुराने समय से ही हमारे हिन्दू धर्म में रत्नो का खास महत्व माना गया है, कहते है की रत्नो को पहनने से बड़ी से बड़ी मुसीबतो को भी दूर क्या जा सकता है. रत्न हमे सफलता भी दिलाते है.वैसे तो कई प्रकार के रत्न होते है जिनका अपना अलग अलग महत्व होता है,इन्ही रत्नो में से एक रत्न है नीलम,पर नीलम को पहनने से पहले कुछ सावधानियों का रहना बहुत ज़रूरी होता है.लेकिन काफी कम लोग को ही नीलम के फायदे –नुकसान के बारे में पता है.अगर आप बिना सोचें समझें ही इसे पहन लेतें है तो आपको फायदे की जगह नुकसान हो सकता है.

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जानें, नीलम कैसे बचाता है शनिदेव की कुदृष्टि सेनीलम नीले रंग का ट्रांसपेरेंट पत्थर होता है.नीलम बहुत तेजी के साथ असर करता है.ये रत्न राजा को रंक और रंक को राजा भी बना सकता है.नीलम को भगवान शनि का रत्न माना जाता है इसलिए यदि किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती या ढ़ैय्या होती है तो इसको पहनने से उस पर शनि की कृपा बरसने लगती है.

जब आप नीलम की अँगूठी धारण करे तो उससे पहले अँगूठी को कच्चे दूध में डालकर कुछ दिनों तक घर में बने मंदिर मे रख दे.

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नीलम पहनने के बाद तेल, उड़द, नीले और काले कपड़े गरीबों को दान करना चाहिए.

नीलम को कभी भी किसी अन्य रत्न के साथ नहीं धारण करना चाहिए. क्योंकि इसका असर बढ़ी ही तेजी दिखाई देता है.

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