जिंदगी के हर पड़ाव पर आगे बढ़ते हुए जरूर बनाएं दोस्त
लाइफ इतनी फास्ट हो गई है कि हम किसी के लिए भी ठहरने को तैयार ही नहीं होते। खासकर बात जब दोस्ती करने की हो तो लोग डरने लगे हैं नए दोस्त बनाने से। ये सही नहीं है। आगे बढ़ते हुए हम नए दोस्त भी साथ ले सकते हैं। जानिए कैसे :
FIND COMMON GROUNDS
पहले जब आप स्कूल या कॉलेज में थे तो नए लोगों से बात करने में जरा भी नहीं हिचकते थे… तो अब क्यों बदल गए हैं? हो सकता है केवल आपकी प्राथमिकताएं बदली हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं बदला है जो आपको किसी से बात करने से रोकता हो।
MAKE THE FRIENDSHIP LAST
जैसे आज तक आपके स्कूल के दोस्त साथ चले हैं क्या पता आगे ऑफिस के फ्रेंड्स भी आपका लंबे समय तक साथ दें। बात केवल कनेक्शन की है। इसके बाद तो दोस्ती कोई भी हो सालों-साल चलती है। आज से दस साल बाद आपके स्कूल के दोस्त की ही तरह ऑफिस फ्रेंड भी हो सकता है।
TAKE OUT THE TIME
किसी भी रिश्ते को बनाए रखने के लिए शुरूआत में उस पर मेहनत तो करना ही पड़ती है। बस यहीं हम टाइम, एनर्जी और एफर्ट लगाने थोड़ा आलसी हो जाते हैं। क्वालिटी टाईम नहीं निकाल पाते। जब मिलते हैं तो जाने के लिए। बैग्स उठाते हैं और अगली बार फिर मिलने का वादा करके निकल जाते हैं और फिर सब भूल जाते हैं। सच तो ये है कि हमारे पास समय की नहीं एनर्जी की कमी है।
BREAK THE ROUTINE HUMDRUM
रोज होने वाला स्ट्रेस जानलेवा हो सकता है लेकिन नए दोस्तों से मिलना और बात करना, मॉडर्न डे मैलेडी के लिए एक तरह का प्रिस्क्रिप्शन ही साबित होगा।
TRUST
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है लोगों पर भरोसा करना भी मुश्किल होने लगता है। लेकिन इस तरह खुद को नए तजुर्बे लेने से हम रोक तो नहीं सकते। हर नई चीज की शुरूआत विश्वास से ही होती है, इसलिए थोड़ा नेगेटिव होना कम करके लोगों की अच्छी बातों पर रोशनी डालें।
MAKE NEW ENTRIES
जगह बदलती है या जीवन में कोई नई घटना घटी है तो भी नए लोग जुड़ते हैं, इसलिए फोन पर भी नए एंट्रीज डालते रहें वरना वक्त के साथ सभी कॉन्टेक्ट्स डिलीट करने पड़ सकते हैं। एड करना है या डिलीट ये पूरी तरह आपके ऊपर है।
MATCHING WAVELENGTHS
जब तक आगे नहीं बढ़ेंगे मालूम कैसे पड़ेगा कि कनेक्शन बैठता है या नहीं।