उत्तराखंड सरकार द्वारा जिंदल ग्रुप को 353 नाली भूमि आवंटित करने के खिलाफ नानीसार बचाओ संघर्ष समिति और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की ओर से राज्य स्थापना की 15वीं वर्षगांठ पर ग्रामीणों ने नानीसार में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों ने जुलूस निकाल कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया।
इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि गांव से लगी 353 नाली सरकारी जमीन आवंटित कर देने से गांवों का गौचर (चारागाह) और पनघट प्रभावित हो गया है। उन्होंने लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नानीसार का इलाका दशकों से आबाद है और सरकार इसे गैर आबाद गांव बताकर जमीन आवंटित करने की बात कर रही है।
ग्रामीणों ने दो-टूक कहा कि भूमि का आवंटन रद करने और आंदोलनकारियों पर लगाए गए झूठे मुकदमे वापस होने के बाद ही आंदोलन समाप्त किया जाएगा।
अध्यक्षता नानीसार बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष विशन सिंह राणा और संचालन आरडीएफ के जीवन चंद्र ने किया। सभा में नानीसार बचाओ संघर्ष समिति के माधो सिंह, विशन सिंह, गणेश सिंह, उपपा की केंद्रीय सचिव आनंदी वर्मा, केंद्रीय कार्यकारणी सदस्य मो. शाकिब, रवी धस्माना, नगर उपाध्यक्ष ललित चौधरी आदि थे।
स्कूल को भूमि देने के समर्थन में उतरे प्रधान
नानीसार की भूमि हिमांशु एजुकेशलन सोसाइटी को देने का जहां क्षेत्र के लोग विरोध कर रहे हैं। वहीं द्वारसों क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक ग्राम प्रधानों ने स्कूल के लिए भूमि देने को सही ठहराते हुए क्षेत्र में आवासीय स्कूल के निर्माण का समर्थन किया है।
स्कूल निर्माण के समर्थन में उन्होंने अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि हिमांशु एजूकेशनल सोसाइटी अंतर्राष्ट्रीय आवासीय स्कूल का निर्माण कर रही है जो कि क्षेत्र के लिए लाभदायक है। इससे लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
ज्ञापन देने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद कुमार, पूर्व प्रधान उरोली अनिल कुमार, गोविंद अधिकारी, डौड़ा के प्रधान गोकुल सिंह राणा, उरोली के प्रधान भीम सिंह राणा, नैनी की प्रधान भवानी देवी आदि के अलावा रियूनी तल्ली, मल्ली रियूनी, दिगोटी के प्रधान शामिल हैं।