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जिंदा लौटें या मुर्दा, लेकिन अमरनाथ के दर्शन तो करके रहेंगे

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ में हुए आतंकी हमले के बाद बाबा बर्फानी के दर्शन करने वाले शिवभक्तों की संख्या पहले से और अधिक बढ़ गई है। शिवभक्तों ने आतंकियों के मुंह पर तमाचा मारा है,भक्तों का कहना है कि हम जिंदा लौटें या मुर्दा लेकिन अमरनाथ जाकर रहें

जिंदा लौटें या मुर्दा, लेकिन अमरनाथ के दर्शन तो करके रहेंगे

दरअसल, आतंकी हमले के बाद लोग डर जाते हैं। घर से निकलना बंद कर देते हैं, लेकिन इस बार तो शिवभक्तों ने मिसाल कायम कर दिया है। ना डर ना ही खौफ, दिल में विश्वास लिए हर हर महादेव के नारे लगाते हुए श्रद्दालु निकल पड़े अमरनाथ यात्रा की ओर। अमरनाथ  यात्रा करने वाले लोगों ने आतंकियों को चुनौती दी है उन्होंने कहा कि भारत के लोग इनते जल्दी हार मानने वालों में से नहीं हैं। हम अमरनाथ में मर भी जाएं तो भी हमें गम नहीं। 

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आतंकी हमले के दिन जम्मू से 2430 यात्री अमरनाथ में भगवान शिव के दर्शन के लिए रवाना हुए थे। 10 जुलाई को ही अनंतनाग जिले में आतंकियों ने तीर्थयात्रियों की एक बस पर हमला कर 7 लोगों की जान ले ली थी। हमले में 19 लोग घायल हुए थे।

बता दें कि हमला होने के बाद 9719 यात्रियों ने दर्शन किए। अब तक कुल 1.86 लाख श्रद्धालु दक्षिण कश्मीर में हिमालय की 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बाबा अमरनाथ के दर्शन कर चुके हैं।हमले के बाद यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।  भारी संख्या में लोग दर्शन करने पहुंचे। 11 जुलाई यानी हमले से ठीक दूसरे दिन 3111 पुरुष, 892 महिलाएं व 102 साधु-साध्वियां दर्शन को रवाना हुए। 

अमरनाथ रवाना होने के साथ ही भक्तों का कहना है कि दोबारा आतंकी हमला हो जाए तो भी हम नहीं डरेंगे। चेन्नई के कुमार राजा नाम के एक भक्त का कहना है कि जब ये आतंकी हमला हुआ तब परिवार वाले काफी डरे हुए थे मैंने उनसे कहा कि मेरी मंजिल मुझसे 2 कदम दूर है। मैं भोले के दर्शन करके ही आऊंगा भले जिंदा या मरा आऊं। मैं खतरों से नहीं डरता हूं क्योंकि मुझे पता है महादेव मेरी रक्षा करेंगे।

 

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