जिस मामले में उछला सचिन का नाम, उसकी CBI से शिकायत
एजेंसी/ नई दिल्ली। दो दशक से ज्यादा के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर में बेदाग रहे सचिन तेंडुलकर का नाम जिस मामले में लिया जा रहा है, वहां घोटाल की बू आ रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह मामला सैन्य संस्थानों की जमीन से जुड़ा सबसे बड़ा घोटाला हो सकता है। आदर्श स्कैम से भी बड़ा।
कथित घोटाले को लेकर ताजा खुलासा यह हुआ है कि डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने इसकी शिकायत सीवीसी और सीबीआई से की है। जिस प्रॉपर्टी (मसूरी के लैंडोर स्थित एक हॉलिडे स्पॉट) को लेकर विवाद की शुरुआत हुई है, वह सचिन के बेहद करीबी दोस्त संजय नारंग की है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मामला सामने आने के बाद सचिन ने इस हॉलिडे स्पॉट को डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के साथ सुरक्षा से जुड़े विवाद से बचाने के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मदद के लिए गुहार लगाई हैै।
सचिन के प्रवक्ता ने रक्षा मंत्री के साथ उनकी मुलाकात की पुष्टि की है, लेकिन कोई भी व्यापारिक हित होने से इनकार किया है। वहीं नारंग का कहना है कि उनकी संप्तियो में कुछ भी गैर कानूनी नहीं है।
इस हॉलिडे स्पॉट पर सचिन अक्सर जाया करते हैं। मामले की जानकारी रखने वाले रक्षा मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों ने बताया कि राज्यसभा सांसद सचिन के लिए यह मामला इतना गंभीर था कि उन्होंने इसके लिए पिछले साल ऑस्ट्रेलिया की ट्रिप छोटी कर दी ताकि अपने अनुरोध के साथ पर्रिकर से मुलाकात कर सकें।
यह है पूरा विवाद
जिस प्रॉपर्टी की बात हो रही है, वह लैंडोर कैंट एरिया में डेहलिया बैंक के पास है। बताया जा रहा है कि इस प्रॉपर्टी के निर्माण में इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट के आसपास के 50 फुट के दायरे में कोई कंस्ट्रक्शन न होने के नियम का कथित तौर पर उल्लंघन हुआ है। यह इंस्टीट्यूट डीआरडीओ का है। जमीन में सचिन के बिजनेस पार्टनर संजय नारंग का भी हिस्सा है।
बताया जा रहा है कि परिकर ने सचिन की बातों को ‘ध्यान से सुना’ लेकिन कोई दखल देने से परहेज किया है। साउथ ब्लॉक के अधिकारियों ने ईटी को बताया कि रक्षा मंत्री डीआरडीओ की संवेदनशील लैब के परिसर के पास कथित अवैध निर्माण के मामले में दखल नहीं देना चाहते हैं।