जीवन की समस्याओं को सुलझाने का हौसला देती हैं गणित की उलझनें
इण्डिया इण्टरनेशनल मैथमेटिक्स कम्पटीशन में फिलीपीन्स के गणितज्ञ डा. सिमोन एल. चुआ ने कहा
लखनऊ: सिटी मोन्टेसरी स्कूल, आर.डी.एस.ओ. कैम्पस द्वारा आयोजित पाँच दिवसीय ‘इण्डिया इण्टरनेशनल मैथमेटिक्स कम्पटीशन (इण्डिया आईएमसी-2017)’ के दूसरे दिन सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम का सम्पूर्ण परिसर गणित की गूँज से गुंजायमान रहा। आज जहाँ एक ओर 30 देशों से पधारे बाल गणितज्ञ गणित की उलझनों को सुलझाते नजर आये तो वहीं दूसरी ओर कुछ बाल गणितज्ञों ने अपने आपको लखनऊ की गंगा जुमना संस्कृति से अवगत कराया। आज देश-विदेश से पधारे छात्रों के टीम लीडरों ने कल होने वाली व्यक्तिगत व समूह प्रतियोगिताओं के लिए गहन विचार-विमर्श के पश्चात प्रश्नों को अन्तिम रूप दिया। बाल गणितज्ञों ने भी आपस में न सिर्फ गणित के ज्ञान का खूब आदान-प्रदान किया बल्कि उन्होंने इस महोत्सव में पधारे विश्वविख्यात गणितज्ञों से भी बातचीत की और उनसे गणित के गुर सीखे। विदित हो कि सी.एम.एस. आर.डी.एस.ओ. कैम्पस के तत्वावधान में इण्डिया आईएमसी-2017 का आयोजन 26 से 30 जुलाई तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया जा रहा है, जिसमें 30 देशों के लगभग 1500 बाल गणितज्ञ व विशेषज्ञ प्रतिभाग कर रहे हैं। इण्डिया आईएमसी-2017 के अन्तर्गत प्रतिभागी छात्र गणित की विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं जैसे पजल चैलेन्ज, इण्डिविजुअल कान्टेस्ट, टीम कान्टेस्ट, मैथमेटिक्स एक्जीबीशन आदि में प्रतिभाग कर रहे हैं।
इण्डिया आईएमसी-2017 के अन्तर्गत आज विभिन्न देशों से पधारे गणित विशेषज्ञों एवं टीम लीडरों ने उन प्रश्नों का चयन किया जिन्हें कल की व्यक्तिगत व समूह प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्रों से पूछा जायेगा। इस अन्तर्राष्ट्रीय गणित प्रतियोगिता में गणित के प्रश्नों को दैनिक जीवन से जोड़ने का प्रयास किया गया है जिससे छात्रों में केवल किताबी ज्ञान के अलावा व्यावहारिक ज्ञान का विकास भी हो। अंग्रेजी भाषा में तैयार किये गये इन प्रश्नों को चयनोपरान्त विभिन्न देशों के प्रतिभागी छात्रों की मातृभाषा में अनुवाद किया जायेगा जिससे इण्डोनेशिया, फिलीपीन्स, थाईलैण्ड आदि देशों से पधारे छात्रों को प्रश्नो को समझने व हल करने में कोई पेरशानी न हो। अपरान्हः सत्र में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में विभिन्न देशों से पधारे गणित विशेषज्ञों एवं टीम लीडरों ने पत्रकारों से मुलाकात की एवं इस अन्तर्राष्ट्रीय आयोजन पर अपने विचार व्यक्त किये। फिलीपीन्स से पधारे प्रख्यात गणितज्ञ डा. साइमन एल. चुआ, प्रेसीडेन्ट, मैथमेटिक्स ट्रेनर्स गिल्ड ने कहा कि इण्डिया आईएमसी-2017 का असर केवल इन पाँच दिनों तक ही सीमित नहीं है, अपितु यह छात्रों को जीवन के संघर्षों से पार जाने का गुर सिखायेगा। उन्होंने कहा कि गणित के पेंचीदा सवाल छात्रों को हौसला, आत्मविश्वास व परिश्रम की भावना से लबालब करते हैं जो उन्हें जीवन की कठिनाईयों से जूझने का हौसला प्रदान करते हैं। प्रो. वेन सीन सन, चेयरमैन, एक्जीक्यूटिव बोर्ड ऑफ आई.एम.सी. ने कहा कि इस महोत्सव में कई नई गणित प्रतिभाएं उजागर होंगी साथ ही देश-विदेश के छात्रों को भारत की ऐतिहासिक संस्कृति को जानने का स्वर्णित अवसर है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस प्रतियोगिता में गणित को समझने के अलावा शान्ति शिक्षा का जो प्रचार हो रहा है, वह एक बेहद महत्वपूर्ण बात है।
इण्डिया आईएमसी-2017 की संयोजिका व सी.एम.एस. आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की प्रधानाचार्या स्वप्ना मंशारमानी ने कहा कि गणित के प्रति आज की नई पीढ़ी बेहद उत्सुक है क्योंकि गणित का प्रयोग आज हर क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है। मानव ज्ञान की कोई सीमा नही है। इण्डिया आईएमसी-2017 के इस मैदान में गणित के ज्ञान की जो लौ हमने जलाई है वह निश्चित रूप से देश-विदेश में फैलेगी और गणित शिक्षा में एक नया अध्याय जुड़ेगा। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने सभी बाल गणितज्ञों के गणित के प्रति रुझान पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि गणित विषय मानव जाति की एकता का जितना प्रभावशाली माध्यम है उतना शायद और कोई विषय नहीं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस आयोजन से विभिन्न देशों के छात्रों को विश्व स्तर पर गणित के अपने ज्ञान का परीक्षण का अवसर प्राप्त होगा और आगे चलकर वे एक कुशल गणितज्ञ ही नहीं बल्कि अच्छे बुरे की पहचान करने वाला एक संवेदनशील इंसान बन सकेंगे। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि इण्डिया आईएमसी-2017 में 30 देशों की छात्र टीमें प्रतिभाग कर रही हैं जिनमें आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, बुल्गारिया, कनाडा, चीन, साइप्रस, हांगकांग, इण्डोनेशिया, ईरान, कजाकिस्तान, कोरिया, मलेशिया, मैक्सिको, मंगोलिया, नेपाल, फिलीपीन्स, रोमानिया, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, ताइवान, तजाकिस्तान, थाईलैण्ड, उजबेकिस्तान, यू.ए.ई., वियतनाम, जिम्बाव्वे, लाओस एवं भारत शामिल हैं।