ज्ञान भंडार
जेब से 15.68 लाख खर्च कर सरपंच ने बनवा दिए 290 टॉयलेट
दस्तक टाइम्स/एजेंसी राजस्थान : कोटा। एक तरफ जहां विकास के काम कराने में नेताओं और अफसरों के भ्रष्टाचार की शिकायतें रोज आती रहती हैं, वहीं कोटा जिले की सावनभादो ग्राम पंचायत ऐसी है, जहां सरपंच दुष्यंत कुमार शर्मा ने गांव को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए अपनी जेब से 15.68 लाख रुपए खर्च कर दिए। पंचायत के तीन गांवाें जुगलपुरा, ठोडी और सावनभादो में 290 घर ऐसे थे, जिनमें शौचालय नहीं थे। ग्रामीणों के पास बनवाने के लिए पैसा भी नहीं था और सरकार से पैसा बाद में आता है, इसलिए सरपंच ने खुद पैसे दे दिए। कुछ पैसे ग्रामीणों ने भी मिलाए।
अब इन गांवों में एक भी घर ऐसा नहीं है, जिसमें शौचालय न हो। हालांकि जिला परिषद की तरफ से ग्राम पंचायत का वेरिफिकेशन होना बाकी है। इसके बाद ही पंचायत को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जाएगा। इसकी घोषणा के लिए सरपंच ने 2 अक्टूबर को प्रभारी मंत्री,
एक माह में पूरा किया टारगेट
सरपंच दुष्यंत धनी किसान हैं। उनके पास करीब 228 बीघा जमीन के अलावा कोटा में हॉस्टल भी है। रोजगार सहायक शिवप्रसाद नागर ने बताया कि वे पहले भी पैसे खर्च करते रहे हैं। पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों ने उन्हें प्रोत्साहित किया तो उन्होंने इसे मिशन की तरह लिया और महीने भर में टॉयलेट बनवा दिए। इसके लिए मल्टीमेटल के प्री-बिल्ट स्ट्रक्चर (रेडिमेड) टॉयलेट मंगवाए।
सरपंच दुष्यंत धनी किसान हैं। उनके पास करीब 228 बीघा जमीन के अलावा कोटा में हॉस्टल भी है। रोजगार सहायक शिवप्रसाद नागर ने बताया कि वे पहले भी पैसे खर्च करते रहे हैं। पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों ने उन्हें प्रोत्साहित किया तो उन्होंने इसे मिशन की तरह लिया और महीने भर में टॉयलेट बनवा दिए। इसके लिए मल्टीमेटल के प्री-बिल्ट स्ट्रक्चर (रेडिमेड) टॉयलेट मंगवाए।
पंचायत समिति में अटकी प्रोत्सहान राशि: शौचालय तो बन गए, लेकिन लाभार्थियों को मिलने वाली राशि सांगोद पंचायत समिति में अटक गई। सरपंच ने प्रभारी मंत्री प्रभुलाल सैनी से आग्रह किया। लेकिन, अभी तक पैसे नहीं मिले।