दिल्ली हाईकोर्ट में टेम्पो ड्राइवर सरबजीत मामले को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. यह याचिका डॉ सीमा सिंघल की तरफ से दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इस पूरे केस की जांच कोर्ट मॉनिटर या सीबीआई द्वारा की जाए. इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि टेम्पो ड्राइवर सरबजीत का बेटा नाबालिग है इसलिए उसकी पहचान गुप्त रखी जाए. याचिका में सरबजीत का मेडिकल रिकार्ड देखे जाने की भी बात कही गई है. इसके साथ ही घटना वाले दिन मुखर्जी नगर थाने के सीसीटीवी फुटेज को भी सुरक्षित रखा जाने की मांग की गई है.
दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले पर दोपहर 02.30 बजे सुनवाई होनी है.
मुखर्जी नगर घटना: मैं सिर्फ अपना काम कर रहा था: एएसआई योगराज
मुखर्जी नगर घटना में एक टेम्पो चालक के कथित हमले में घायल हुए दिल्ली पुलिस एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस मामले में न्याय होगा. मुखर्जी नगर में एक टेम्पो चालक द्वारा पुलिस अधिकारी पर कथित तौर पर तलवार से हमला किया गया था. मुखर्जी नगर पुलिस थाने के सहायक उपनिरीक्षक योगराज इस घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
उन्होंने कहा, ‘‘ एक पुलिसकर्मी 24X7 ड्यूटी पर होता है और मुझे तत्काल कार्रवाई करनी थी. अगर कोई किसी पुलिसकर्मी पर हथियार दिखाए या किसी अन्य पर ही सार्वजनिक स्थान पर हथियार दिखाए तो एक पुलिस अधिकारी के तौर पर कार्रवाई करना मेरा कर्तव्य था.’’
दिल्ली के मुखर्जी नगर क्षेत्र में रविवार की शाम टेम्पो चालक सरबजीत सिंह की पुलिसकर्मियों के साथ हुई मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. घटना के एक कथित वीडियो में टेम्पो चालक तलवार के साथ पुलिसकर्मी का पीछा करते नजर आ रहा है. एक अन्य वीडियो में पुलिसकर्मियों को उसकी ‘पिटाई’ करते हुए देखा जा सकता है.
पुलिस ने बताया कि टेम्पो चालक के वाहन और पुलिस के वाहन के बीच टक्कर होने के बाद मारपीट की यह घटना हुई. इस घटना में आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए. योगराज का मानना है कि उन्हें न्याय मिलेगा. उन्होंने कहा कि वह टेम्पो चालक को पीछे से पकड़ने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि चालक सामने से अन्य पुलिसकर्मियों पर हमले कर रहा था. हालांकि जब अधिकारी चालक पर नियंत्रण करने में सफल रहे तो चालक का बेटा वहां आ गया और योगराज को थप्पड़ मारना शुरू कर दिया. हालांकि उनका मानना है कि इस स्थिति से और पेशेवर ढंग से निपटा जा सकता था.