फंसे हुए कर्जो की समस्या से परेशान सरकार ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) शीर्ष बकाएदारों की सूची तैयार करने के अंतिम चरण में है, जिनको कर्ज नहीं चुकाने पर दिवालिया घोषित किया जाएगा।
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केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ एनपीए (फंसे हुए कर्जे) के मामले की समीक्षा बैठक के बाद कहा, ‘आरबीआई जल्द ही इस संबंध में बकाएदारों की सूची जारी करेगी, जिन पर दिवालियापन प्रक्रिया (आईबीसी) के तहत कार्रवाई की जाएगी।’
आरबीआई ने एनपीए से निपटने के लिए एक समिति गठित की है।उन्होंने कहा, ‘आईबीसी के तहत 81 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 18 मामले वित्तीय लेनदारों के हैं। इन्हें नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) को भेज दिया गया है। ज्यादा फंसे हुए कर्ज (एनपीए) या तो बैंकों के समूह द्वारा या फिर एकाधिक बैंकिंग व्यवस्था द्वारा दिए गए हैं। इसलिए इन फंसे हुए कजरें का मामला तेजी से हल करने की जरूरत है।’
वित्त मंत्रालय के लिए देश के सार्वजनिक बैंकों का बढ़ता एनपीए चिंता का विषय बना हुआ है। बैंकिंग सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए बैंकों को टॉप डिफॉल्टर्स के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दिया जा चुका है।
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इसके साथ ही बैंकिंग व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए वित्त मंत्रालय एसबीआई और उसके पांच सहयोगी बैंकों का विलय कर चुका है। मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक सरकार की योजना एक और ऐसे ही विलय प्रस्ताव को मंजूरी देने की है।
देश के सरकारी बैंकों का एनपीए फिलहाल 6 लाख करोड़ रुपये हैं।