अन्तर्राष्ट्रीय

ट्रंप ने ईरान पर लगाए कड़े प्रतिबंध, वरिष्ठ अफसरों की सुविधाएं रोकीं…

ईरान के साथ चल रहे तनाव के बीच अमेरिका ने उसपर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खम्नेई और उनकी सेना के आठ शीर्ष सैन्य कमांडर अब अमेरिका में वित्तीय सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे। ट्रंप ने ये फैसला ईरान द्वारा बुधवार को अमेरिकी जासूसी ड्रोन गिराए जाने के बाद लिया है। ट्रेजरी सचिव स्टीवन मेनुचिन की उपस्थिति में ट्रंप ने हस्ताक्षर किए हैं। ट्रंप का कहना है कि अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देगा। अभी तक संयम बनाए रखा लेकिन आगे दबाव बनाए रखा जाएगा।

ईरान पर किए साइबर हमले
एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने ईरान में अपने निगरानी ड्रोन गिराए जाने के बाद ईरान की मिसाइल नियंत्रण प्रणाली और एक जासूसी नेटवर्क पर साइबर हमले किए हैं। रिपोर्ट ने लिखा है कि हमले से राकेट और मिसाइल प्रक्षेपण में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटरों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है।

बड़े युद्ध की तरफ इशारा
फारस की खाड़ी में ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव एक बड़े युद्ध की तरफ इशारा कर रहा है। इसकी शुरुआत पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुई परमाणु संधि तोड़कर की और बाद में इस खाड़ी देश पर कई प्रतिबंध लगा दिए गए। हाल ही में ओमान की खाड़ी में तेल के दो टैंकरों पर हमले के बाद तनाव और बढ़ गया।

अमेरिका ने इस हमले में ईरान का हाथ बताया जबकि ईरान ने इसका खंडन किया। इसके बाद अमेरिकी जासूसी ड्रोन को ईरान ने मार गिराया। ट्रंप ने इसी दिन ईरान पर हमले के आदेश दिए लेकिन दस मिनट में ही वे पीछे हट गए। लेकिन यहां के हालात अब भी तनावपूर्ण हैं।

ईरान बोला नहीं पड़ेगा असर
ईरान इससे पहले कह चुका है कि अमेरिका के नए प्रतिबंधों का इस्लामिक गणराज्य के ऊपर कोई असर नहीं पड़ेगा। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मूसावी ने कहा था कि हम नहीं जानते कि नए प्रतिबंध क्या होंगे और इससे अमेरिका क्या हासिल कर लेगा। प्रतिबंधों का क्या असर पड़ेगा, हमें इसकी चिंता नहीं है। क्या अमेरिका ने पिछले 40 साल में कोई ऐसा प्रतिबंध छोड़ा है और जो अब वह ईरान के ऊपर लगाना चाहता है। हमें नए प्रतिबंधों की कतई चिंता नहीं है।

ईरान के खिलाफ वैश्विक गठबंधन की जरूरत
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे थे। ड्रोन गिराए जाने के बाद ईरान के साथ जारी तनाव के बीच अमेरिकी मंत्री का मित्र देश सऊदी अरब का यह दौरा महत्वपूर्ण है। पोम्पियो ने सऊदी के किंग सलमान और सत्ता का अहम केंद्र माने जाने वाले मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की।

इस दौरान उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में ईरान की ओर से खड़ी की कई चुनौतियों से निपटने के लिए ना सिर्फ खाड़ी देश बल्कि एशिया और यूरोपीय देशों को भी मिलकर काम करना होगा। पोम्पियो ने कहा कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) खाड़ी में अमेरिका के सच्चे और मजबूत सहयोगी देश हैं, जो हर मुश्किल में अमेरिका के साथ खड़े रहेंगे।

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