ट्रैफिक व्यवस्था में भी देश में नंबर एक इंदौर
शहर के ट्रैफिक आरक्षक रणजीत सिंह को देश में बेस्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट का अवार्ड मिला है. इन अवार्ड्स का वितरण चार नवम्बर को नागपुर में होगा।
इंदौर: देश भर में सफाई में नंबर एक बनने के बाद अब इंदौर ट्रैफिक व्यवस्था में भी देश में नंबर एक बन गया है। आवासीय और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा देश भर के 120 शहरों में किए गए सर्वे के बाद इंदौर ट्रैफिक व्यवस्था में देश में नंबर एक शहर बना है। यही नहीं शहर के ट्रैफिक आरक्षक रणजीत सिंह को देश में बेस्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट का अवार्ड मिला है। इन अवार्ड्स का वितरण चार नवम्बर को नागपुर में होगा। इंदौर शहर मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी के साथ ही सड़क हादसों की भी राजधानी बन गया था। यहां 2015 में 5873 सड़क हादसों में 444 लोगो की मौत हुई थी। इसके बाद से इन आंकड़ो में कमी करने के प्रयास में जुटी पुलिस ने तमाम तरह के प्रयोग करते हुए 2018 में सितम्बर तक सड़क हादसों में काफी हद तक कमी करने में सफलता पाई है। सितम्बर 2018 तक शहर में 2529 सड़क हादसे में हुए है, इनमें 245 लोगों की मौत हुई है। आंकड़ो पर गौर करें तो हादसों में लगभग 50% और मौत में 30% तक की कमी आई है।
ट्रैफिक मैनेजमेंट का सर्वे देश के 120 शहरों में हुआ था, जबकि इंदौर में अन्य शहरों की तुलना में सबसे अधिक लोगों पर सबसे कम ट्रैफिक जवान हैं। यहां पांच हजार लोगों में महज एक ट्रैफिक जवान हैं। सर्वे के लिए इंदौर पुलिस द्वारा भेजे गए प्रेजेंटेशन में ट्रैफिक को नियंत्रण करने के लिए किए गए प्रयासों में रिंग रोड के मालवीय नगर चौराहे पर रोबोट की भूमिका भी बताई गई थी।सके आलावा ब्लैक स्पॉट चयन और वहां निराकरण करना भी प्रमुख माना गया है। इसके आलावा पुलिस द्वारा ट्रैफिक वेयरनेस के लिए चलाए गए कार्यक्रम भी इसके लिए जिम्मेदार माने गए हैं।
वहीं ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए एक मात्र पुलिसकर्मी के तौर पर शहर के चर्चित ट्रैफिक आरक्षक रणजीत सिंह का चयन किया गया है। मुंबई में हुए ट्रैफिक एग्जिबिशन में उसे अवर दिया गया। यह अवार्ड डीआईजी मिश्र ने अपने हाथ से रणजीत के सुपुर्द किया। वहीं बेस्ट ट्रैफिक के लिए मिलने वाले अवार्ड को लेने डीआईजी मिश्र चार नवम्बर को नागपुर जाएंगे।