डायबिटीज़ से पीड़ित मरीजों को ज़रूर खाने चाहिए ये अनाज…
एक हेल्दी ब्ल्ड सुगर लेवल का ध्यान रखने का मतलब ये नहीं है कि आप अपने पौषण से किसी तरह का समझौता कर लेंगे। भारतीय खाने में अनाज का बेहद अहम रोल होता है। इनमें कई तरह के पौषण तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर के लिए काफी मददगार साबित होते हैं। डायबिटीज़ से लड़ने के लिए सबसे ज़रूरी है कि आप जंक को भूलकर हेल्दी खाना अपनाएं, जिसमें कुछ सेहतमंद और ज़रूरी अनाज भी मौजूद हों।
कैसा खाना खाएं?
जब आपके शरीर में सुगर लेवल गड़बड़ हो जाएं तो आपको ऐसा अहार लेना चाहिए जिसे पचने में ज़्यादा समय लगे ताकि इस प्रक्रिया में शरीर के विटामिन, खनिजों और ऊर्जा को पूरी तरह से खत्म न हों। इसके लिए ये भी ज़रूरी है कि आप पोषण संबंधी जानकारी रखें ताकि इस बीमारी में आपकी जीवनशैली के प्रबंधन में दिक्कतें न आएं।
बाजरा
बाजरा शरीर में ऊर्जा का निर्माण करता है और आप इसे खुशी-खुशी खा सकते हैं। इसके अलावा ये शरीर को मैग्नीशियम का एक अच्छा प्रतिशत भी प्रदान करता है, जो एक आदर्श इंसुलिन स्राव और रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए ज़िम्मेदार एंजाइम के उत्पादन में मदद करता है। कई रिसर्च में पाया गया है कि बाजरा टाइप-2 डायबिटीज़ के खतरे को कम करने में सहायक हो सकता है। साथ ही, इसमें फाइबर की मात्रा भी भरपूर होती है, जो टॉक्सिन्स को कम करती है।
राजगीरा
राजगीरा को लंबे समय से पारंपरिक तौर से इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां तक कि ये अपने सेहत से जुड़े कई तरह के लाभ के लिए जाना जाता है। ये शरीर में चीनी के प्रबंधन करने की क्षमता रखता है इसलिए अब यह अनाज काफी लोकप्रीय होता जा रहा है। राजगीरा को सुपरफूड कहना ग़लत नहीं है क्योंकि ये ग्लूटन-फ्री है और अमीनो-एसिड, आइरन, पोटैशियम और कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर है।
कुट्टू
हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि व्रत के दौरान एक आवश्यक अहार के तौर पर खाए जाने वाला कुट्टू, डायबीटिज़ में भी काफी फायदेमंद साबित होता है। यह अनाज सक्रिय रूप से अच्छे फाइटोन्यूट्रिएंट्स, फाइबर की आपूर्ति करके और बढ़ती इंसुलिन स्राव को कम करने में मददगार हो सकता है।
स्पेल्ट ग्रेन
कामट, ये एक तरह का अनाज होता है जिसका ज़्यादातर वह लोग इस्तेमाल करते हैं जिन्हें गेंहू सूट नहीं करता। हालांकि, ये शुगर के मरीज़ों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। किसी भी अन्य अनाज की तुलना में, कामट में 20-40% अधिक अमीनो एसिड, फास्फोरस और मैग्नीशियम होते हैं, जो सभी इंसुलिन उत्पादन को स्थिर करने के लिए एक साथ काम करते हैं और एक ही समय में, शरीर से खराब विषाक्त पदार्थों को ख़त्म करते हैं।