चमोली : जिले में कृषि उत्पादन संगठनों का गठन (एफपीओ) एवं उनके संर्वधन को लेकर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बुधवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में रेखीय विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि कृषि उत्पादन संगठन बनाने के लिए इस कार्य से जुडी सभी एजेंसिंया एकजुटता व समन्वय के साथ योजना की कल्पना को साकार करें। ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि उत्पादन संगठन (एफपीओ) के माध्यम से उत्पादन लागत को कम करते हुए उत्पादकता को बढाया जा सकता है और संगठन के माध्यम से इसके विपणन की व्यवस्था होने से छोटे व सीमांत क्षेत्र के किसानों को इसका सीधा लाभ मिलता है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी रेखीय विभाग आपसी समन्वय बनाकर योजना का प्रचार प्रसार करें और अधिक से अधिक किसानों को योजना से जोड़कर लाभान्वित करें। उन्होंने कहा कि क्लस्टर बनाकर उत्पादक संगठन के माध्यम से कृषि, उद्यान, मत्स्य व पशुपालन संबधित उत्पाद तैयार करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि जो लोग कोल्ड स्टोरेज, धान, आटा, माशाला, तेल इत्यादि उत्पादन यूनिट लगाने के इच्छुक है ऐसे लोगों को चिन्हित करते हुए कृषि अवसंरचना निधि के तहत लाभान्वित करें। कहा कि कृषि अवसंरचना निधि के तहत 3 प्रतिशत ब्याज की छूट पर 2 करोड़ तक का ऋण दिया जा रहा है। लोगों तक योजना का प्रचार प्रसार कर ऋण आवंटित करें। जो लोग इस क्षेत्र में पहले से कार्यरत है ऐसे लोगों के साथ वर्कशाप करें। ताकि अन्य लोगों को भी इसकी जानकारी हो सके।
डीडीएम नाबार्ड अभिनव कापडी ने बताया जिले के देवाल और घाट ब्लाक में दो कृषि उत्पादन संगठन अभी कार्य कर रहे है। इस वर्ष पोखरी, कर्णप्रयाग, जोशीमठ तथा देशाली ब्लाक में कृषि उत्पादन संगठन बनाए जाने है। इस अवसर मुख्य विकास अधिकारी वरूण चैाधरी, पीडी प्रकाश रावत, एलडीएम पीएस राणा, सीएओ राम कुमार दोहरे सहित सभी रेखीय विभागों के अधिकारी एवं एनजीओ के पदाधिकारी उपस्थित थे।