तस्लीमा ने राजनाथ से मिलने का समय मांगा
नयी दिल्ली। भारत में रहने की अनुमति के लिए रेजीडेंस परमिट की अवधि बढ़ाने पर अभी तक कोई फैसला नहीं होने के चलते निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने गह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के लिए समय मांगा है ताकि वह उनके सामने अपना मामला रख सकें। तस्लीमा ने कहा, मैं बहुत चिंतित हूं । मैंने अपना केस रखने के लिए गह मंत्री से मिलने का समय मांगा है लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है । हालांकि तस्लीमा ने कहा कि उन्हें अपने रेजीडेंस परमिट की अवधि बढ़ाए जाने की उम्मीद है जो 17 अगस्त को समाप्त हो चुकी है ।
स्वीडन की नागरिक तस्लीमा ने कहा, रेजीडेंस परमिट की अवधि नहीं बढ़ने की बात तो मैं बुरे से बुरे सपने में भी नहीं सोच सकती। 52 वर्षीय लेखिका ने कहा कि पहले मुलाकात का समय लेने में एक दिन से अधिक समय नहीं लगा लेकिन इस बार पहले ही दो दिन बिना किसी जवाब के बीत चुके हैं । गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि रेजीडेंस परमिट की अवधि बढ़ाए जाने का उनका आवेदन प्रक्रिया में है लेकिन अभी तक कोई फैसला नहंी लिया गया है ।
इस्लाम की कथित ईशनिंदा के चलते कटटरपंथी समूहों से मिली धमकियों के कारण तस्लीमा को 1994 में गुपचुप तरीके से बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था और तभी से वह निर्वासन में रह रही हैं । वर्ष 2014 में उन्हें सरकार ने एक साल का वीजा दिया था और उन्हें आज तक की अवधि के लिए भारत में रहने की अनुमति दी गयी थी। वर्ष 2004 से ही तस्लीमा को लगातार भारतीय वीजा मिल रहा है । इस समय वह दिल्ली में रहती हैं । कई मौकों पर वह स्थायी रूप से भारत में विशेषकर कोलकाता में बसने की इच्छा जाहिर कर चुकी हैं । तस्लीमा का कहना है कि यदि वह भारत में नहीं रह पायीं तो उनके लिए पहचान का संकट पैदा हो जाएगा जिससे उनके लेखन और महिला अधिकारों की उनकी पैरवी पर असर पड़ेगा।