नई दिल्ली। ताजनगरी के नाम से मशहूर आगरा उत्तर प्रदेश में चर्चित लोकसभा सीटों में शामिल है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस संसदीय सीट से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में अपने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की थी। मोदी की तरह बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपने प्रचार की शुरुआत यहीं से ही की, इससे समझा जा सकता है कि दिल्ली तक पहुंच के लिए आगरा संसदीय सीट की क्या अहमियत है। दलितों का गढ़ माने जाना वाला आगरा क्षेत्र में पिछले साल केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ दलितों की नाराजगी खुलकर सामने आई थी। आगरा सुरक्षित सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होना है। इस बार चुनावी समर में 9 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
बीजेपी की ओर से एसपी सिंह बघेल मैदान में हैं जिनका मुकाबला कांग्रेस की प्रीता हरित और बहुजन समाज पार्टी के मनोज कुमार सोनी से है। हालांकि इनके अलावा आदर्श समाज पार्टी के चंद्रपाल, पीस पार्टी के रामजी लाल और 2 अन्य स्थानीय दलों के उम्मीदवार मैदान में हैं। साथ ही 2 निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी किस्मता आजमा रहे हैं। आगरा संसदीय सीट के इतिहास की बात करें तो एक समय में यह कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी, लेकिन पिछले दो दशकों में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी या समाजवादी पार्टी ही जीतती रही है। 1952 से लेकर 1971 तक यहां से कांग्रेस ने जीत दर्ज की, जबकि इमरजेंसी के बाद देश में कांग्रेस विरोधी लहर में चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय लोक दल ने जीत हासिल की, हालांकि, उसके बाद हुए लगातार दो चुनाव 1980 और1984 में कांग्रेस ने जीत के साथ वापसी की, लेकिन उसके बाद कांग्रेस दोबारा इस सीट पर वापसी नहीं कर सकी, 1989 में जनता दल ने इस सीट पर कब्जा किया।
90 के दशक में रामलहर के बाद देश में हुए लगातार तीन लोकसभा चुनाव 1991, 1996 और 1998 में भारतीय जनता पार्टी यहां से जीती, 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी की ओर से बॉलीवुड अभिनेता राज बब्बर ने चुनाव जीता। अब राज बब्बर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। हालांकि पिछले 2 लोकसभा चुनाव (2009 और 2014) में भारतीय जनता पार्टी के रामशंकर कठेरिया ने बड़े अंतर से जीत हासिल की, आगरा को दलित और मुस्लिम वोटरों का गढ़ माना जाता है। यहां करीब 37 फीसदी वोटर दलित और मुस्लिम ही हैं। आगरा लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा (एतमादपुर, आगरा छावनी, आगरा दक्षिण, आगरा उत्तर और जलेसर) सीटें आती हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी।