तालिबान और ड्रैगन में नापाक गठबंधन, चीन ने बताया अफगानिस्तान जीतने का ‘सॉलिड प्लान’
बीजिंग: तालिबान और चीन मिलकर अफगानिस्तान की शांति को भंग करने के लिए नापाक खिचड़ी पका रहे हैं और इसी कड़ी में तालिबानी नेताओं ने चीन का दौरा किया है। चीन की सरकारी मीडिया साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक 27 जुलाई को तालिबानी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल ने चीन का दौरा किया है, जहां उनकी मुलाकात चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान तालिबानी नेताओं ने जीत हासिल करने के लिए चीन का समर्थन मांगा है, जिसके जवाब में अफगानिस्तान फतह के लिए चीन ने सॉलिड प्लान तालिबानी नेताओं को बताया है।
तालिबान ने मांगा चीन का समर्थन साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के प्रमुख नेता मुल्ला बरादर अखुंद के साथ 27 जुलाई को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने मुलाकात की है। जिसमें सबसे पहले चीन ने तालिबानी नेताओं से आश्वासन मांगा कि वो अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल चीन के खिलाफ नहीं होने देंगे। जिसके बाद कट्टरपंथी सुन्नी इस्लामी संगठन ने अफगानिस्तान में जीत हासिल करने के लिए चीन का समर्थन मांगा।
रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने तालिबान से कहा कि अगर तालिबान सत्ता में आता है तो किसी भी हालत में अफगानिस्तान की जमीन को चीन के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देगा, इसका वायदा करे। जिसके जवाब में तालिबान ने चीन को वचन दिया है कि वो किसी भी ऐसे संगठन का समर्थन नहीं करेगा, जो चीन में आतंकवाद फैलाना चाहते हैं। तालिबानी नेता मुल्ला बरादर ने चीन को आश्वासन दिया है कि वो उइगर चरमपंथियों का साथ नहीं देगा और ना ही अफगानिस्तान में उन्हें शरण लेने देगा।