नई दिल्ली : 2019 के लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राम मंदिर निर्माण को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज होती जा रही है| ताजा बयान पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर का आया है| एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि कोई भी हिंदू ये नहीं चाहेगा कि मस्जिद का ढांचा गिराकर राम मंदिर बने| थरूर के इस बयान पर जब बवाल मचा तो उन्होंने सफाई भी जारी की| बयान पर मचे हंगामे के बाद शशि थरूर ने ट्वीट किया कि मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया| मैंने सिर्फ कहा था, बहुत से हिंदू इसलिए वहां पर मंदिर चाहते हैं, क्योंकि वहां पर श्रीराम की जन्मभूमि है| लेकिन एक अच्छा हिंदू नहीं चाहेगा कि ऐसी जगह मंदिर बने जहां किसी और के धार्मिक स्थल को गिराया गया हो| उन्होंने लिखा कि यह मेरा व्यक्तिगत बयान था, मैं अपनी पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं इसलिए मेरे बयान को पार्टी से ना जोड़ें| शशि थरूर ने यहां कृष्णगोपाल गांधी के साथ चर्चा में कहा, कोई भी हिंदू ये नहीं चाहेगा कि किसी दूसरे धर्म के ढांचे को गिराकर उसी स्थान पर राम मंदिर बनाया जाए| थरूर ने इस कार्यक्रम में राम मंदिर के अलावा भी कई मुद्दों पर बात की| उन्होंने यहां MeToo का समर्थन भी किया और सामने आ रहे मामलों पर कार्रवाई की बात की| शशि थरूर के इस बयान पर अब सुब्रमण्यम स्वामी ने भी पलटवार किया है| उन्होंने कहा, उनके (थरूर) के खिलाफ चार्जशीट है, अब हम ऐसे व्यक्ति के बयान पर क्या ही कहें, वो नीच आदमी है| गौरतलब है कि बीते दिनों में राम मंदिर का मुद्दा भारतीय राजनीति के केंद्र में आया है| एक ओर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है, तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई भी 29 अक्टूबर से रोजाना शुरू होने वाली है| इस मामले पर कांग्रेस के आरपीएन सिंह ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि शशि थरूर का बयान देखा नहीं है, लेकिन जो भी उनका बयान है वह निजी है और निजी बयान पर हमें कुछ नहीं कहना है| कांग्रेस पार्टी की राय यही है कि मामला कोर्ट में है, कोर्ट का जो भी फैसला होगा वो सर्वमान्य होगा| केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ताज्जुब है शशि थरूर इस बात पर यकीन करते हैं कि सच्चे हिंदू अयोध्या में राम मंदिर नहीं चाहते| ये थरूर या राहुल गांधी का विश्वास हो सकता है| इससे पता चलता है कि वे हकीकत से कितने दूर हैं और वे चुनावों के दौरान ही हिंदू बन जाते हैं|