थाईलैंड में सेना का दमन जारी सीनेट भंग
बैंकाक । थाईलैंड में सैनिक तख्तापलट के बाद सेना का दमन जारी है। सेना ने 35 लोगों को पूछताछ के लिए समन भेजा है और नहीं आने पर उन्हें जेल व जुर्माना किए जाने की चेतावनी दी है। इसके अलावा खुद को कार्यवाहक प्रधानमंत्री घोषित कर चुके थाई सेनाध्यक्ष प्रयुथ चान-ओछा ने शनिवार को सीनेट को भंग कर दिया है। प्रयुथ ने गुरुवार को तख्तापलट करते हुए सरकार पर कब्जा कर लिया और देश के कई प्रमुख नेताओं को हिरासत में ले लिया। नेता अभी तक सेना की हिरासत में हैं। थाई सेनाध्यक्ष प्रयुथ चान-ओछा ने शनिवार को सीनेट को भंग कर दिया और कुछ महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारियों को कम महत्व के पदों पर स्थानांतरित कर दिया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक प्रयुथ ने कहा है कि संसद की मंजूरी की दरकार वाले फैसलों के लिए उन्होंने तत्काल के लिए प्रतिनिधि सभा और सीनेट को भंग कर दिया है। सैनिक सरकार द्वारा जिन अधिकारियों का तबादला किया गया है उनमें पुलिस प्रमुख पोल जनरल अदुल सैंगसिंगकाएव विशेष जांच विभाग के प्रमुख थारिट पेंग्दित और रक्षा अवर सचिव निपात थोंग्लेक शामिल हैं। तीनों को पिछली निर्वाचित सरकार का समर्थक माना जा रहा है। दूसरी ओर सेना ने कहा है कि हिरासत में ली गई पूर्व प्रधानमंत्री यिंग्लक शिनावात्रा सहित प्रमुख थाई राजनीतिक हस्तियों को एक सप्ताह के भीतर रिहा किया जा सकता है। सभी नेताओं को सेना ने हिरासत में ले लिया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक सेना के उपप्रवक्ता विंथाई सुवारी ने शनिवार को कहा है कि सभी लोग सुरक्षित हैं और उनका अच्छी तरह से ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा है कि उन्हें अलग-अलग समय पर छोड़ा जा सकता है। कुछ को तीन दिनों में ही और कुछ को पांच दिनों में लेकिन किसी को भी एक सप्ताह से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रखा जाएगा।