द.कोरिया से US का कारोबार समझौता फिलहाल टला! मई में किम से ट्रंप की मुलाकात
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (30 मार्च) को कहा कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग- उन से अपनी तयशुदा बैठक का अधिक से अधिक लाभ उठाने की खातिर वह दक्षिण कोरिया के साथ उस कारोबार समझौते को फिलहाल के लिए टाल सकते हैं जिस पर हाल में सहमति बनी है. ओहायो में बुनियादी ढांचा विषय परआधारित अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर कोरिया के साथ समझौता होने तक मैं इसे रोके रख सकता हूं.’’ इस सप्ताह ट्रंप ने कहा था कि उनके प्रशासन और दक्षिण कोरिया के बीच ‘‘शानदार (कारोबार) समझौते’’ पर सहमति बनी है. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया से समझौता होने तक वह इसे रोके रख सकते हैं. ट्रंप ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की ओर से आए मुलाकात करने के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. ट्रंप और उन के बीच मुलाकात मई में होगी.
इससे पहले उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद अंतर कोरियाई सम्मेलन के लिए गुरुवार (29 मार्च) को तारीख तय कर ली. यह सम्मेलन 27 अप्रैल को होगा. परमाणु संपन्न उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने हाल में अचानक से चीन की यात्रा की थी जिसके बाद यह उच्च स्तरीय बैठक हुई. एक संयुक्त प्रेस बयान में कहा गया है, ‘दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया दोनों देशों के नेताओं की इच्छा के अनुसार पनमुनजोम में दक्षिण कोरिया के पीस हाउस में 27 अप्रैल को 2018 दक्षिण- उत्तर सम्मेलन आयोजित करने पर सहमति बनी.’’
दोनों देशों के बीच तीसरी मुलाकात
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच यह भेंट दोनों देशों के बीच होने वाली इस किस्म की तीसरी मुलाकात होगी. यह मुलाकात भी असैन्य क्षेत्र में ही होगी. किम कोरियाई युद्ध के खत्म होने के बाद से अब तक दक्षिण कोरियाई सरजमीं पर पैर रखने वाले पहले उत्तर कोरियाई नेता होंगे. अगले बुधवार (4 अप्रैल) को कार्यकारी स्तर की वार्ता के अन्य चरण में प्रोटोकॉल और सुरक्षा समेत कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
गुरुवार (29 मार्च) की बैठक पुनमुनजोम की उत्तरी दिशा में यूनिफिकेशन पवेलियन में हुई थी जहां उत्तर कोरियाई प्रतिनिधिमंडल के नेता री सोन ग्वोन ने कहा, ‘‘पिछले 80 दिनों में अंतर- कोरियाई संबंधों में कई अभूतपूर्व घटनाएं घटी.’’ पिछले अंतर कोरियाई सम्मेलन वर्ष 2000 और 2007 में हुए थे. इसके बाद उत्तर कोरियाई परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के बाद दोनों देशों के बीच वार्ता नहीं हुई.