दारुल उलूम ने कहा विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक किसी सूरत में मंजूर नहीं
सहारनपुर। दारुल उलूम ने मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक का बिल संसद में पेश किए जाने को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। इस बिल को मुस्लिम विरोधी करार देते हुए किसी भी सूरत में मंजूर न किए जाने की बात कही है। दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि 2019 के चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार ने इस बिल को बिना उलमा की राय-मशविरा के आनन-फानन में संसद में पेश कर दिया।
मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि तीन दिन पहले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष ने इसकी कमियों को गिनाते हुए इसे दुरुस्त करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र भेजा था, लेकिन सरकार ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मुस्लिम संगठनों से विचार विमर्श किए बगैर ही बिल पेश कर दिया है। नोमानी ने सवाल किया कि बिल के मुताबिक तलाक नहीं होगी। फिर पति के तीन साल के लिए जेल जाने की सूरत में पूरे परिवार का खर्च कौन उठाएगा? कहा कि अगर बिल में ये शामिल हो कि तीन तलाक देने पर, तलाक हो गई है तो फिर ये मसला पैदा नहीं होता, लेकिन शादी बनी रहने की सूरत में महिला को समाज में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
‘इस कानून से महिलाओं को मिलेगा इंसाफ
जिले की तलाकशुदा महिला नाजनीन और अतिया साबरी ने तीन तलाक पर बिल पेश करने पर मोदी सरकार का शुक्रिया अदा किया है। अ्तिया ने कहा कि इस बिल के पास होने के बाद दर-दर भटक रहीं तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ मिलेगा। नाजनीन ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपने फायदे के लिए इस बिल का विरोध कर रहा है।