दिल्लीराजनीति

दिल्ली के सीएम केजरीवाल मंगलवार को जोधपुर आएंगे

kejriwal_647_081216083028दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंगलवार को जोधपुर आएंगे। आम आदमी पार्टी समर्थकों और अरविंद केजरीवाल के चाहने वालों की जोधपुर में अच्छी खासी संख्या है।दिल्ली प्रदेश के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंगलवार को जोधपुर आएंगे। हवाई मार्ग से जोधपुर एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद वे सड़क मार्ग से बीकानेर जाएंगे।

जानकारी के अनुसार दिल्ली के सीएम मंगलवार दोपहर 11.50 बजे दिल्ली से जोधपुर के लिए उड़ान भरेंगे। उनके दोपहर 1.30 बजे जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचने की संभावना है।

 वे एयरपोर्ट पर करीब बीस मिनट तक रुकेंगे, जहां आप पार्टी के स्थानीय नेता उनकी अगवानी करेंगे। यहां से वे सड़क मार्ग से बीकानेर के लिए रवाना होंगे। उसी दिन शाम को बीकानेर से दिल्ली जाने का कार्यक्रम है।

अरविंद केजरीवाल : एक नजर

अरविंद केजरीवाल का जन्म 1968 में हरियाणा के हिसार शहर में हुआ। उन्होंने 1989 में आईआईटी खडग़पुर से यांत्रिक अभियांत्रिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। बाद में 1992 में वे भारतीय नागरिक सेवा (आईसीएस) के एक भाग भारतीय राजस्व सेवा आईआरए में आ गए व उन्हें दिल्ली में आयकर आयुक्त कार्यालय में नियुक्त किया गया।

पारदर्शिता की कमी

 शीघ्र ही उन्होंने महसूस किया कि सरकार में बहुप्रचलित भ्रष्टाचार के कारण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। अपनी आधिकारिक स्थिति पर रहते हुए ही उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम शुरू कर दी। प्रारंभ में अरविंद ने आयकर कार्यालय में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नागरिक आन्दोलन परिवर्तन की स्थापना

जनवरी 2000 में उन्होंने काम से विश्राम ले लिया और दिल्ली आधारित एक नागरिक आन्दोलन परिवर्तन की स्थापना की, जो एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। इसके बाद फ रवरी 2006 में उन्होंने नौकरी से इस्तीफ ा दे दिया और पूरे समय के लिए सिर्फ  परिवर्तन में ही काम करने लगे। सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय गोरे लाल मनीषी  और कई अन्य लोगों के साथ मिल कर उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान शुरू किया, जो जल्द ही एक मूक सामाजिक आन्दोलन बन गया। दिल्ली में सूचना अधिकार अधिनियम 2001 में पारित किया गया और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संसद ने 2005 में सूचना अधिकार अधिनियम आरटीआई पारित कर दिया। इसके बाद जुलाई 2006 में उन्होंने पूरे भारत में आरटीआई के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए एक अभियान शुरू किया। दूसरों को प्रेरित करने के लिए अरविन्द ने अब अपने संस्थान के माध्यम से एक आरटीआई पुरस्कार की शुरुआत की।

इस वर्ष का भारतीय

इधर 6 फ रवरी 2007 को अरविन्द को वर्ष 2006 के लिए लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन ने इस वर्ष का भारतीय के लिए नामित किया। अरविंद ने सूचना अधिकार अधिनियम को स्पष्ट करते हुए गूगल पर भाषण दिया।

राजनीति में पदार्पण

वहीं 2 अक्टूबर 2012 को अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक सफ र की औपचारिक शुरुआत कर दी। उन्होंने बाकायदा गांधी टोपी, जो अब अन्ना टोपी भी कहलाने लगी है, पहनी थी। उन्होंने टोपी पर लिखवाया, मैं आम आदमी हूं। उन्होंने 2 अक्टूबर 2012 को ही अपने भावी राजनीतिक दल का दृष्टिकोण पत्र भी जारी किया।

भ्रष्टाचार का खुलासा

राजनीतिक दल बनाने की विधिवत घोषणा के साथ उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी जो नेहरू परिवार की उत्तराधिकारी और संप्रग की मुखिया के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और भूमि.भवन विकासकर्ता कम्पनी डीएलएफ  के बीच तथाकथित भ्रष्टाचार का खुलासा किया और बाद में तत्कालीन केन्द्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद व उनकी पत्नी लुई खुर्शीद के ट्रस्ट के खिलाफ  आन्दोलन छेड़ा।

आम आदमी पार्टी का गठन

आम आदमी पार्टी के गठन की आधिकारिक घोषणा अरविंद केजरीवाल एवं लोकपाल आंदोलन के बहुत से सहयोगियों द्वारा 26 नवम्बर 2012 भारतीय संविधान अधिनियम की 63 वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली स्थित स्थानीय जंतर मंतर पर की गई।

2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव

सन 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों मे अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा, जहां उनकी सीधी टक्कर 15 साल से लगातार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित से थी। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 25864 मतों से हराया। अरविंद केजरीवाल को कुल 44269 मत प्राप्त हुए। जबकि उनके मुक़ाबले शीला दीक्षित को केवल 18405 मत प्राप्त हुए।

दिल्ली की राजनीति में प्रवेश

नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया। आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीत कर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी भाजप के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी। सत्तारूढ़ काँग्रेस पार्टी तीसरे स्थान पर खिसक गई।

2015 के दिल्ली विधान सभा चुनाव

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में फरवरी 2015 के चुनावों में उनकी पार्टी ने 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटें जीत कर भारी बहुमत हासिल किया। वे 14 फ रवरी 2015 को वे दुबारा दिल्ली के मुख्यमंत्री बने।

 
 
 
 

Related Articles

Back to top button