शिवसेना ने शुक्रवार को अपने माउथपीस सामना में छपे एडिटोरियल में लिखा, …गुलाम अली एक कलाकार होने की वजह से महान वगैरह हो सकते हैं। उनके गले से ‘चुपके-चुपके’, ‘हंगामा’ भी बरसता होगा, परंतु अंतत: वे पाकिस्तान से यहां आए हैं। जो पाकिस्तान रोज हिंदुस्थान की भूमि पर खून बहा रहा है, उस खून से भीगे गजल के सुर से जिनके कान तृप्त होते हैं, उनकी राष्ट्रभावना साफतौर पर बधिर हो चुकी है।”
शिव सेना यूथ विंग ‘युवा सेना’ के अध्यक्ष और पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा, ”हम गुलाम अली के गानों को एन्ज्वॉय करते हैं, लेकिन हमें अपने सैनिकों के प्रति कुछ संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है। हर जगह एनकाउंटर्स हो रहे हैं, सीमा पर न जाने कितनी बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया। जब यह सब चल रहा है, यहां कोई एन्ज्वॉय नहीं कर सकता।”
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ”गुलाम अली का प्रोग्राम कैंसल कराके हमने सभी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी है। यह विरोध गुलाम अली का नहीं, बल्कि पाकिस्तान और उसकी हिंसा का है। पाकिस्तान को हमारे देश में आतंकवाद फैलाना खत्म करना होगा।”
सिंगर अभिजीत ने साधा निशाना
अभिजीत ने गुरुवार देर रात किए ट्वीट में गुलाम अली को बेशर्म और शादी का कव्वाल बता डाला। अभिजीत ने मीडिया को भी नहीं बख्शा और उन्हें प्रेस्टीट्यूट्स कहा। उधर, शिवसेना ने अपने माउथ पीस ‘सामना’ में छपे एडिटोरियल में अपने कदम को सही ठहराते हुए कहा कि उसने नेशनल ड्यूटी निभाई है।
क्या है मामला?
गजल सिंगर जगजीत सिंह की चौथी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए गुलाम अली का 9 अक्टूबर को मुंबई में कार्यक्रम होने वाला था। शिवसेना का कहना था कि सीमा पार से जब तक आतंकवाद नहीं रुकता, पाकिस्तान के किसी भी कलाकार को मुंबई में प्रोग्राम करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। शिवसेना की धमकी के बाद ऑर्गेनाइजर्स ने पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की थी। हालांकि, रास्ता न निकलने पर प्रोग्राम कैंसल कर दिया गया। दिल्ली सरकार के अलावा, पश्चिमी बंगाल की ममता सरकार ने भी गुलाम अली को अपने यहां शो करने का इनविटेशन दिया था।
तस्लीमा नसरीन ने क्या कहा?
बांग्लादेश की राइटर तस्लीमा नसरीन ने ट्वीट कर कहा, ”भारत भी सऊदी अरब बनता जा रहा है। लोगों को समझना चाहिए कि गुलाम अली कोई जिहादी नहीं हैं। जिहादी और सिंगर में फर्क समझना होगा।”
क्या कहना था गुलाम अली का?
गुलाम अली ने कहा था कि उनकी तरफ से प्रोग्राम कैंसल नहीं किया गया। उन्होंने कहा, ”हालात ऐसे नहीं हैं कि मैं प्रोग्राम करूं। इस तरह के विवाद से लोगों के सुर खराब होते हैं। मैं गुस्सा नहीं हूं , मुझे ठेस पहुंची है। प्यार में ऐसी चीजें नहीं होती।” गुलाम अली ने जगजीत सिंह को अपना अच्छा भाई बताया। यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि भारत-पाक संबंध बेहतर हों। बता दें कि गुलाम अली कई हिंदी फिल्मों में गा चुके हैं। इस साल की शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में भी एक प्रोग्राम पेश किया था।
बीजेपी के शासन वाले महाराष्ट्र में शो कैंसल किए जाने को लेकर हो रही आलोचना पर पार्टी ने सफाई दी है। बीजेपी स्पोक्सपर्सन मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ”हम सुर और संगीत पर सियासत नहीं करते। संगीत के विषय में पॉलिटिक्स सही नहीं है।” इससे पहले, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा था कि वे निजी तौर पर गुलाम अली के बहुत बड़े फैन हैं और वे हालिया घटनाक्रम से खुश नहीं हैं।
गुलाम अली ने कहा था कि उनकी तरफ से प्रोग्राम कैंसल नहीं किया गया। उन्होंने कहा, ”हालात ऐसे नहीं हैं कि मैं प्रोग्राम करूं। इस तरह के विवाद से लोगों के सुर खराब होते हैं। मैं गुस्सा नहीं हूं , मुझे ठेस पहुंची है। प्यार में ऐसी चीजें नहीं होती।” गुलाम अली ने जगजीत सिंह को अपना अच्छा भाई बताया। यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि भारत-पाक संबंध बेहतर हों। बता दें कि गुलाम अली कई हिंदी फिल्मों में गा चुके हैं। इस साल की शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में भी एक प्रोग्राम पेश किया था।