दिल्ली में सीलिंग पर मचा घमासान, जानें चुनावी कनेक्शन
दिल्ली में 12 मई को लोकसभा चुनाव के छठवें चरण में वोटिंग होनी है, जिसके नॉमिनेशन 16 अप्रैल से भरे जाने हैं. लेकिन उससे पहले ही बोतल से ‘सीलिंग’ का जिन्न बाहर निकल आया है जिसने पूरी दिल्ली में उथल-पुथल मचा दी है. नॉमिनेशन के 3 दिन पहले सीलिंग करने पहुंची नगर निगम की टीम पर जनता ने पथराव किया तो हालात हिंसक होने में देर नहीं लगी. इस घटना पर राजनीतिक दलों ने भी रोटियां सेंकनी शुरू कर दी हैं और भड़काऊ बयानों के दौर शुरू हो गए हैं.
दिल्ली के मायापुरी स्थित कबाड़ मार्केट में शनिवार को सीलिंग करने पहुंची टीम पर व्यापारियों ने जमकर पथराव किया. भीड़ को खदेड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने भी लाठीचार्ज किया. झड़पों में दिल्ली कैंट के एसडीएम, स्थानीय एसीपी और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के कर्मचारियों सहित कई लोग घायल हुए हैं. पुलिस ने सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, तोड़फोड़ और पथराव का केस दर्ज किया है.
उल्लेखनीय है कि मायापुरी कबाड़ मार्केट में गैस कटर और अन्य वजहों से होने वाला प्रदूषण रोकने के लिए एनजीटी ने यहां सीलिंग का आदेश दिया था. शनिवार सुबह करीब 10 बजे निगम का दस्ता दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ और आईटीबीपी के जवानों के साथ सीलिंग करने पहुंचा. विरोध में व्यापारी नारेबाजी करने लगे. करीब 12.30 बजे भीड़ उग्र हो गई और पथराव शुरू कर दिया. आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवानों को पीटकर उनके हथियार छीनने का प्रयास किया. कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई.
दिल्ली के मायापुरी इलाके में शनिवार को सीलिंग की कार्रवाई साउथ एमसीडी ने यूं ही नहीं शुरू की. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को जेल भेजने की धमकी के बाद प्रशासन हरकत में आया और एक्शन की तैयारी की गई. इसके बाद मायापुरी में प्रशासन की ओर से नोटिस दिए गए और फिर शनिवार को सीलिंग की कार्रवाई शुरू हो गई.
एनजीटी ने 14 मई, 2015 को मायापुरी की स्क्रैप इंडस्ट्री को बंद करने का आदेश दिया था. इस आदेश का पालन नहीं होने की शिकायत के बाद एनजीटी में दोबारा सुनवाई हुई. ट्रिब्यूनल ने सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा, जिसमें इंडस्ट्री बंद नहीं होने की बात सामने आई. 11 अप्रैल, 2019 को एनजीटी ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ट्रिब्यूनल के आदेश का पालन नहीं हो रहा. आदेश में 2016 के एक सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि 15000 लोगों की मौत प्रदूषण की वजह से हुई. एनजीटी ने दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी और डीपीसीसी सदस्यों पर सख्त टिप्पणी की. उसने कहा कि प्रशासन आदेश का पालन नहीं करा पा रहा, ऐसे में क्यों न इन्हें जेल भेज दिया जाए.
कोर्ट की इस सख्त टिप्पणी के बाद 12 अप्रैल, 2019 को डीपीसीसी की ओर से मायापुरी की स्क्रैप इंडस्ट्रियों को बंद करने का नोटिस भेज दिया. इसके बाद शनिवार को साउथ एमसीडी की टीम पुलिस बल के साथ यहां सीलिंग करने पहुंच गई. बताया जा रहा है कि यहां कुल 850 इकाइयों को सील किया जाना था इसमें से सिर्फ 4 इकाइयों को ही सील किया जा सका. सीलिंग की यह कार्रवाई आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी. गौरतलब है कि डीपीसीसी ने हाल ही में मायापुरी की 785 इकाइयों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था.
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने मायापुरी में हुए बवाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डायर कहा है. सुरक्षा बलों और व्यापारियों की झड़प का एक वीडियो शेयर कर आप ने ट्वीट किया कि खौफनाक! जनरल डायर मोदी की पुलिस मायापुरी में नागरिकों पर बेरहमी से पथराव कर रही है. बता दें कि शनिवार को ही अमृतसर के जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 साल पूरे हुए हैं. आप ने मायापुरी की घटना को उस नरसंहार के साथ जोड़कर ही प्रधानमंत्री मोदी को ‘डायर’ कहा है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीलिंग को केंद्र की बीजेपी सरकार के मत्थे मढ़ते हुए कहा कि अपने ही व्यापारियों को इस तरह पीटना बेहद शर्मनाक है, व्यापारियों ने हमेशा धन और वोट से भाजपा का साथ दिया. बदले में भाजपा ने उनकी दुकानें सील कीं और उनको लाठियों से पीटा. चुनाव में भी व्यापारियों पर इतना बर्बर लाठी चार्ज? भाजपा साफ कह रही है, नहीं चाहिए भाजपा को व्यापारियों का साथ. अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होती तो हम 24 घंटे में सीलिंग रुकवा देते.
वहीं, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इसे केजरीवाल का चुनावी स्टंट बताते हुए कहा कि दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड दिल्ली सरकार के अधीन आता है. जब हमारे कार्यकर्ताओं ने सीलिंग इंचार्ज एसडीएम पर दबाव बनाया कि कारोबारियों को सामान निकालने के लिए समय दिया जाए तो एसडीएम ने बताया कि रेवेन्यू सेक्रेटरी का ऑर्डर है कि सीलिंग करके आना या त्याग पत्र पर साइन कर तैयार रखना. पॉलिटकल माइलेज के लिए केजरीवाल जानबूझ कर सीलिंग करवा रहे हैं.