दूती ने यूनिवर्सिटी गेम्स में जीता ऐतिहासिक स्वर्ण
नयी दिल्ली : ‘जेंडर विवाद’ तो कभी अपने समलैंगिक होने को लेकर मानसिक उत्पीड़न का शिकार रहीं भारतीय धाविका दूती चंद ने अपने जज्बे और मजबूती की नायाब मिसाल पेश करते हुये इटली के नेपल्स में 30वें वर्ल्ड समर यूनिवर्सिटी गेम्स की 100 मीटर स्पर्धा में भारत को उसका पहला स्वर्ण पदक दिला इतिहास रच दिया है। भारत का इन खेलों के इस सत्र में न सिर्फ यह पहला स्वर्ण है बल्कि वह वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के इतिहास में 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण जीतने वाली भी पहली भारतीय हैं। उनसे पहले कोई भी भारतीय इन खेलों की 100 मीटर दौड़ के फाइनल में भी क्वालीफाई नहीं कर सका है। दो बार की एशियाई चैंपियन और राष्ट्रीय रिकार्डधारी दूती ने इस वर्ष मई में ही अपने समलैंगिक होने की बात को सार्वजनिक किया था जिसके बाद वह सुर्खियों में रही थीं। भारतीय धाविका ने अपना पदक जीतने के बाद खुशी जताते हुये इसकी तस्वीर और मस्कट के फोटो को ट्वीटर पर साझा करते हुये लिखा,“ तुम मुझे जितना पीछे खिंचोगे मैं उतनी मजबूती से वापिस आऊंगी।” दूती की इस कामयाबी पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी उन्हें बधाई दी है। राष्ट्रपति ने लिखा,“आपको बधाई दूती यूनिवर्सिटी गेम्स में 100 मीटर रेस में स्वर्ण जीतने पर। यह भारत के लिये इन खेलों में पहला स्वर्ण है और देश के लिये गौरव का क्षण है। अपने प्रयासों को जारी रखिये और ओलंपिक में हम इसी तरह की जीत की अपेक्षा करेंगे।” भारतीय धाविका ने 11.32 सेकंड में रेस पूरी की और पहले स्थान पर रहीं। उनके नाम 100 मीटर में 11.24 सेकंड का राष्ट्रीय रिकार्ड भी दर्ज है। दूती ने लिखा,“ कई वर्षाें की मेहनत अौर दुआओं से मैंने एक बार फिर 100 मीटर में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में स्वर्ण पदक जीता है।”