दूसरे निर्भयाकांड में एर्नाकुलम में महिला को मिला न्याय, आरोपी को सजा
एर्नाकुलम (एजेंसी)। देश की राजधानी नई दिल्ली में हुए निर्भया मामले में न्याय अभी आना बाकी तो लेकिन देश दूसरे छोर केरल में एक निर्भया को न्याय मिल गया है। एर्नाकुलम की एक अदालत ने पिछले साल केरल में एक दलित महिला के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के सनसनीखेज मामले में असम के अमीरुल इस्लाम को मौत की सजा सुनाई है। एर्नाकुलम के प्रधान सत्र अदालत न्यायाधीश एन अनिल कुमार ने अमीरुल इस्लाम को लॉ की स्टूडेंट के साथ बलात्कार का दोषी करार दिया था।
अभियुक्त मजदूर है जो मूल रूप से असम का रहने वाला है। बचाव पक्ष के वकील ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए आवेदन दायर किया था। उनकी दलील थी कि अभियुक्त सिर्फ अपनी मातृभाषा असमी समझता है और केरल पुलिस ने उसके साथ निष्पक्ष व्यवहार नहीं किया। लेकिन अदालत ने आवेदन खारिज कर दिया था। इस मुकदमे में मोहम्मद अमीरूल इस्लाम को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302(हत्या),376 (बलात्कार),376 (ए) के तहत दोषी ठहराया गया है।अदालत ने अपराध में इस्लाम की भूमिका स्थापित करने के लिये वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करने के लिये जांच दल की प्रशंसा की थी।
जांच दल ने डीएनए प्रौद्योगिकी और कॉल रिकॉर्ड की जांच जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया था ताकि अपराध में अमीरूल की संलिप्तता साबित की जा सके। अदालत ने विशेष लोक अभियोजक और उनकी टीम की भी पेशेवर तरीके से मुकदमा चलाने के लिये तारीफ की। पिछले साल अप्रैल से शुरू हुई सुनवाई के दौरान करीब 100 गवाहों का परीक्षण किया गया था।
अभियोजन पक्ष ने इसे दुर्लभतम में दुर्लभ मामला बताया था। असम से मजदूरी करने आये और मामले में एकमात्र आरोपी इस्लाम पर एक महिला के साथ बलात्कार करने और उसकी हत्या करने का आरोप लगाया गया था। इस्लाम ने विधि विषय की दलित छात्रा से 28 अप्रैल,2016 को पेरंबवूर में बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी। इस्लाम अपराध को अंजाम देने के बाद पेरंबवूर से तुरंत भाग गया था,उसे पड़ोसी तमिलनाडु के कांचीपुरम से अपराध के 50 दिन बाद गिरफ्तार किया गया था।