दृष्टिबाधितों की आंख बनेगा ऐ चश्मा
ब्रिटेन में तैयार चश्मे से वस्तुओं की पहचान कर ध्वनि संकेत में बदला जा सकता है ,बहुत जल्द दृष्टिबाधित भी प्रभावी तरीके से देख सकेंगे और यह संभव हुआ है ब्रिटिश वैज्ञानिकों की खोज से। उन्होंने ऐसा चश्मा बनाया है जो इसे पहनने वाले को बताएगा कि वे क्या देख रहे हैं। इस खास चश्मे को विकसित करने वाले वैज्ञानिकों ने बताया कि इसमें एक सूक्ष्म कैमरा लगा हुआ है। यह कैमरा हर चीज को पहचान सकता है, मसलन दुकानों के दरवाजे, फ्रिज के भीतर रखी सामग्री आदि। एक बार कैमरा चीजों की पहचान करने के बाद उसे ध्वनि संकेत में बदल देता है, जिसे चश्मा पहनने वाला फोन एप और ईयरपीस की मदद से सुन सकता है। उन्होंने बताया कि यह चश्मा इतना कारगर है कि व्यक्ति इसकी मदद से सामान्य किताबें भी पढ़ सकता है। लिखावट छोटी होनी पर कैमरे को जूम इन भी किया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि चश्मे में लैस प्रणाली में चेहरे को पहचानने वाला सॉफ्टवेयर लगा हुआ है। यह सॉफ्टवेयर सामने आने वाले व्यक्ति की न केवल पहचान करता है, बल्कि पहले हुई मुलाकात की स्थिति में मिलने की तारीख और अन्य जानकारी भी यूजर्स को देता है। व्यक्ति चाहे तो तस्वीर रिकॉर्ड होते वक्त उसका नाम जोर से बोलकर टैग कर सकता है ।साल के भीतर इस उत्पाद के बाजार में आने की है उम्मीदअमेरिका की प्रतिष्ठित मैसाच्युसेट्स इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने भी वीडियो व चित्रों को ऑडियो संदेश में परिवर्तित करने में सक्षम चश्मे को विकसित किया है। उनका दावा है कि इससे दृष्टिबाधित सामान्य जीवन बिता सकेंगेइस सॉफ्टवेयर और उपकरण को लंदन की विजन टेक्नोलॉजिस ने विकसित किया है। लेकिन बाजार में इस चश्मे को गिव विजन ब्रांड से उतारा जाएगा। उम्मीह है यह अगले साल बाजार में आएगा। फिलहाल एक हजार लोगों पर इसका परीक्षण चल रहा है।