देवरिया में फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी करते मिले 15 शिक्षक
निर्धारित पात्रता के बगैर ही काम कर रहे थे 11 लोग
लखनऊ : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों को लेकर देवरिया टॉप पर रहने वाला है। यहां 15 शिक्षक ऐसे मिले जिन्होंने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त की थी। वहीं 11 ऐसे हैं जो निर्धारित पात्रता ही नहीं रखते थे लेकिन उन्हें शिक्षक नियुक्त किया गया था। वहीं अभी तक कुल 185 ऐसे संदिग्ध शिक्षक पकड़ में आए हैं जिनके प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है। अभी तक 26 शिक्षकों पर कार्रवाई की जा रही है। 15 जुलाई तक सभी संदिग्ध मामलों की जांच करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
देवरिया में शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की फाइल गायब होने की शिकायत मुख्यमंत्री के यहां होने के बाद वहां के सारे प्रमाणपत्र राज्य परियोजना निदेशालय में जांचे गए। जांच में सामने आया कि 15 शिक्षक फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्त हुए वहीं 11 ऐसे थे जो निर्धारित पात्रता ही नहीं रखते थे मसलन बीएड की जगह शास्त्री थे या कम्प्यूटर में पीजी डिप्लोमा आदि थे। देवरिया के बीएसए को इन मामलों की जांच करते हुए इन पर एफआईआर करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
केजीबीवी में 5486 शिक्षकों में से 5380 के प्रमाणपत्रों की जांच हो चुकी है। इनमें 563 ऐसे हैं जिन्होंने प्रमाणपत्रों की मूल प्रति नहीं जमा की है। ऐसे शिक्षकों का सत्यापन भी बोर्ड से किया जा रहा है।
वहीं 4850 शिक्षक अपना आधार सत्यापन करवा चुके हैं और 185 ऐसे हैं जो संदिग्ध पाए गए हैं। इनकी जांच की जा रही है। इसके अलावा एनजीओ द्वारा संचालित केजीबीवी के शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को भी मुख्यालय पर दोबारा जांचा जा रहा है।