देवी मां का यह मंत्र दिलाता है धन और यश
देवी मां की यथाविधि मंत्रों से पूजा करने से मां की विशेष कृपा भक्तों को मिलती है। समाज में सम्मान और धन को दिलाने वाले इस मंत्र को नवरात्रि के नौ दिनों में जपने वाले का हर तरह से फायदा होता है।
ते सम्मता जनपदेषु धनानि तेषां
तेषां यशांसि न च सीदति धर्म वर्ग:।
धन्यास्त एव निभृतात्मजभृत्यदारा
येषां सदाभ्युदयदा भवती प्रसन्ना ।।
हिन्दी अर्थ: सदा अभ्युदय प्रदान करने वाली हे माँ आप जिस पर प्रसन्न रहती है वे देश में सम्मानित है, उन्ही को धन और यश की प्राप्ति होती है, उन्ही का धर्म कभी शिथिल नहीं होता है तथा वे ही अपने हृष्ट-पुष्ट स्त्री पुत्र और भृत्यों के साथ धन्य माने जाते हैं।
ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार इस मन्त्र के रोजाना सात्विक तरीके से माता का पूजन षोडशोपचार से करने के उपरान्त जपने से समाज में सम्मान की प्राप्ति और सर्वविधि कल्याण होता है। साथ ही इस मन्त्र का सम्पुट लगाकर योग्य ब्राह्मणों से जप कराने से उत्तमफल की प्राप्ति होती है और व्यक्ति में धर्म और सम्मान की वृद्धि होती है।