पर्यटन

देश का यह शहर कहलाता है ‘फलों का कटोरा’, नहीं देखा है तो एक बार जरूर आये

अनेक संस्कृतियों और सभ्यताओं वाले देश भारत में रहकर भी अगर आप उतराखंड के कुमांऊ क्षेत्र घूमने नहीं गए तो आप सफल घुमक्कड़ी नहीं कहलाएंगे। इतनी यात्राएं करके भी आपकी यात्रा अधूरी है। आज हम आपको इस प्रदेश की उन खूबियों और मनमोहक जगहों के विषय में बताएंगे जो सिर्फ उत्तर भारत के इसी प्रदेश में है। कहीं घूमने की तैयारी करने वाले हैं तो काफी आईडिया भी ले सकते हैं।

ये उतराखंड के कुमांऊ क्षेत्र में समुद्री तल से 1789 मी. ऊंचाई पर बसा है। यहां पर प्रचुर मात्रा में फलों के उत्पादन के कारण रामगढ़ को भारत के फलों की टोकरी भी कहा जाता है। ये रामगढ़ की निर्मल तथा शांतिपूर्ण सुंदरता ही थी जो ब्रिटिश अफसरों को इसकी छत्र-छाया में आराम करने खींच लाई थी। इस जगह को हाई प्रोफाइल गणमान्य व्यक्तियों द्वारा भी वरीयता मिली है। पुराने जमाने की इमारतों और बंगलों का आज भी मौजूद होना इसका बड़ा प्रमाण है। कई प्रकार के फलों जैसे बेर, खुबानी, सेब एंव आड़ू के बाग है। उन्हें आप घर ले जाकर उनका जूस, जैम बना सकते हैं। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने भी रामगढ़ को इतना पसंद किया कि वे वहां अपने जीवनकाल में कई बार गए थे। उन्होंने यहां पर कई सुंदर रचनाएं भी लिखीं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस जगह की सुंदरता एक कवि के दिमाग को आनंद के साथ रचनात्मक प्रेरणा से भी भर देती है

रामगढ़ मे कहां घूमें
जब आप रामगढ़ जाएं तो एकबार जरूर वहां के जंगलों में भ्रमण करें। हालांकि यह सलह दी जाती है कि जंगल में जाने के लिए वहां के किसी ग्रामीण निवासी को अपने साथ अवश्य ले जाएं जिससे कि आप जंगल में अपना रास्ता न भटकें। रामगढ़ के जंगल में हरे-हरे पेड़ों के बीच घूमना एक अलग ही अनुभूति प्रदान करता है। कुछ समय नथुखान और मुक्तेश्वर के दिल को लुभाने वाली पहाड़ियों के लिए भी निकालें जो वहांं से ज्यादा दूरी पर नहीं है।

नथुखान
समुद्री तल से 6,365 फीट ऊंचाई पर स्थित नथुखान प्रकृति के सौंदर्य को देखने के लिए बहुत उत्कृष्ट जगह है। प्रकृति के मनोरम दृश्यों से परिपूर्ण नथुखान आपके दिमाग को असीम शांति प्रदान करेगा। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि पर्यटक इस जगह की सादगी का आनंद उठा सकते हैं।

मुक्तेश्वर
इस जगह का नाम यहां पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर के नाम पर रखा गया है। मुक्तेश्वर से नंदादेवी, नंदकोट त्रिशूल एंव पंचाचूली की चोटियां आसानी से दिखाई देती है। पर्यटक यहां रॉक क्लाइमबिंग, रैपलिंग एंव फल चुनने जैसी चीजें कर सकते हैं।

रामगढ़ कैसे पहुंचे:-
वायु मार्ग-
रामगढ़ से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंत नगर हवाई अड्डा 76 किमी. दूरी पर है। पंत नगर हवाई अड्डे पर दिल्ली तथा अन्य कई शहरों से हवाई उड़ाने जाती है। हवाई अड्डे से रामगढ़ के लिए टैक्सी आसानी से उपलब्ध है।

रेलमार्ग-
काठगोदाम रेलवे स्टेशन रामगढ़ का निकटतम रेलवे स्टेशन है। यह हिल स्टेशन से 45 कि.मी. दूरी पर है। दिल्ली से काठगोदाम रेलवे मार्ग पर प्रतिदिन दो ट्रेनें जाती है।

सड़क मार्ग-
नई दिल्ली में आनंद विहार आईएसबीटी से अल्मोड़ा या हलद्वानी के लिए बस से सड़क-मार्ग द्वारा रामगढ़ जाया जा सकता है।

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