देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर
नई दिल्ली : आर्थिक र्मोचे (economic front) पर सरकार (government) को झटका लगने वाली खबर आई है। देश के विदेशी मुद्रा भंडार (country’s foreign exchange reserves) में लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट दर्ज हुई है। विदेश मुद्रा भंडार 21 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में फिर 3.847 अरब डॉलर (down $3.847 billion) घटकर 524.52 अरब डॉलर ($524.52 billion) रह गया, जो इसका दो साल से भी ज्यादा का निचला स्तर है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी।
आरबीआई के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में 3.847 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर आ गया है। इससे पहले 14 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में भी 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। हालांकि, इससे पहले वाले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।
आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) भी 3.593 अरब डॉलर घटकर 465.075 अरब डॉलर रह गई है। इस दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य 24.7 घटकर 37.206 अरब डॉलर रह गया है। हालांकि, इस अवधि में विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.44 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो पिछले हफ्ते 14.9 करोड़ डॉलर घटकर 17.433 अरब डॉलर रह गया था। आंकड़ों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएफएम) के पास रखी भारत की आरक्षित निधि 1.4 करोड़ डॉलर घटकर 4.79 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गई है।
उल्लेखनीय है कि एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये को संभालने के लिए आरबीआई ने देश के विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है। विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्य वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव इसमें शामिल होता है।