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देश के प्राथमिक स्कूलों की दशा सुधारेगा गायत्री परिवार

masalaहरिद्वार(एजेंसी)। विश्व गायत्री परिवार देश में शिक्षा का स्तर सुधारने हेतु एक महत्वाकांक्षी योजनाओं को गति देने में जुटा है। गायत्री परिवार के इस महाभियान में जापान के एंजेल मेट्स इंटरनेशनल (एएमआई) संस्था सहयोग कर रही है। दोनों संस्थाएं मिलकर देश के करीब दस हजार प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए नि:शुल्क संसाधन उपलब्ध कराएंगे।  उल्लेखनीय है कि एएमआई संस्थान के अध्यक्ष मत्सू दा और गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने दिसम्बर 2०12 में मिलकर यह योजना बनाई थी। इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए एएमआई के वरिष्ठ प्रतिनिधि मासातोशी नागासाकी एवं सुश्री नाओको फूजीनामी इस समय पांच दिनों की यात्रा पर गायत्री परिवार के मुख्यालय  शांतिकुंज पहुंचे हैं। मासातोशी व नाओको फूजीनामी ने अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या से शुक्रवार को भेंट की और आगे की कार्यवाही पर चर्चा की। दोनों ने उत्तराखंड के आपदा पीड़ित क्षेत्रों के स्कूलों को प्राथमिकता के साथ संसाधन उपलब्ध कराने पर जोर दिया। डॉ. पण्ड्या ने बताया कि शांतिकुंज इस सहयोग प्रक्रिया में पहले ही उत्तरकाशी  पिथौरागढ़ व हरिद्वार जनपद के बीस स्कूलों के निर्माण एवं विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री  कपड़े आदि मुहैया करा चुका है। उन्होंने इस काम को और गति देने की बात कही। शांतिकुंज आपदा प्रबंधन के राकेश जायसवाल और डॉ. सौरभ मिश्रा के साथ एएमआई के प्रतिनिधियों ने हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र एवं टिहरी के आपदाग्रस्त स्कूलों का भ्रमण किया और वहां के स्कूलों एवं विद्यार्थियों की स्थिति का निरीक्षण किया तथा आवश्यक संसाधनों की सूची तैयार की। मासातोशी के अनुसार विद्यार्थियों की आवश्यकतानुसार सामग्री खरीदी जा रही है। इसे शीघ्र ही विद्यार्थियों तक पहुंचाई जाएगी। शांतिकुंज प्रतिनिधियों के साथ मिलकर अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने लक्सर के शेरपुर बेला के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों में पाठ्य सामग्री एवं बैग भी वितरित किए। एएमआई के प्रतिनिधियों ने देवंसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या से भेंटकर विवि की विभिन्न गतिविधियों को जाना एवं जापान के विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षणिक आदान-प्रदान के अवसर तलाशने पर विस्तार से चर्चा की। मासातोशी ने देवसंस्कृति विवि में जापानी लोगों के लिए अध्यात्म एवं योग पर आधारित विशेष प्रशिक्षण कराने की इच्छा जाहिर की।

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