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देश को गोल्ड मेडल दिलाने वाली संजीता चानू डोप टेस्ट में हुईं फेल

कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 की स्वर्ण पदक विजेता महिला वेटलिफ्टर संजीता चानू डोप टेस्ट में फेल हो गईं हैं। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन के मुताबिक डोप टेस्ट में उनका रिजल्ट पॉजिटिव पाया गया है। बता दें कि संजीता के सैंपल में ‘एनाबॉलिक स्टेरॉइड टेस्टोस्टेरॉन’ नाम का ड्रग पाया गया है जो बैन किया जा चुका है। इसी की वजह से इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (IWF) ने उन्हें अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया है।

संजीता चानू डोप टेस्ट में हुईं फेलफेडरेशन ने एक बयान में कहा, ‘IWF ने संजीता चानू को टोप टेस्ट में फेल पाया है। इसी के चलते उन्हें एंटी डोपिंग नियम का उल्लंघन करने पर अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।’ हालांकि, इस बात को लेकर अभी पुष्टि नहीं हो पाई है कि वो ड्रग उनके सैंपल में कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान मिला है या फिर किसी और प्रतियोगिता के दौरान पाया गया है। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने डोप परीक्षण नमूना लेने की तारीख जैसे अन्य विवरण नहीं दिये और कहा, ‘आईडब्ल्यूएफ इस मामले के समाप्त होने तक और कोई टिप्पणी नहीं करेगा।’

बता दें कि गोल्ड कोस्ट में आयोजित हुए 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय वेटलिफ्टर संजीता चानू ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था। संजीता ने 53 किलोग्राम की कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने स्नैच राउंड में पहले प्रयास में 81 किलोग्राम का वजन उठाया, दूसरे प्रयास में 83 किलोग्राम, जबकि तीसरे प्रयास में संजीता ने 84 किलोग्राम का वजन उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स का नया रिकॉर्ड बना दिया था।

वहीं, क्लीन एंड जर्क के मुकाबले में भारत की संजीता चानू ने पहले ही प्रयास में 104 किलोग्राम का वजन उठाया था। दूसरे प्रयास में 108 किलोग्राम का वजन उठाकर भारत को पहला गोल्ड दिलाया। इसी के साथ संजीता चानू ने कुल 192 किलोग्राम का वजन उठाया था। मुकाबले में उन्होंने पीएनजी की लोआ डिका को मात दी थी।

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