देश-विदेश के न्यायाधीशों व कानूनविदों ने लखनवी तहजीब को दिल से सराहा
ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण किया, गंगा-जमुनी तहजीब पर हुए मंत्रमुग्ध
लखनऊ। अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन में लखनऊ पधारे छः देशों के पूर्व व वर्तमान प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति/राष्ट्राध्यक्ष एवं 56 देशों के लगभग 270 मुख्य न्यायाधीशों व न्यायाधीशों ने लखनऊ की ऐतिहासिक इमारतों का अवलोकन किया एवं लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब को नजदीक से अनुभव किया। लखनऊ की साँस्कृतिक विरासतों को मन्त्रमुग्ध होकर देखते ही रहे विश्व भर से पधारे न्यायविदों ने एक स्वर से कहा कि एकता का पैगाम देती लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहर अत्यन्त शानदार है। विदित हो कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय ‘अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन’ में पधारे छः देशों के प्रधानमंत्रियों, पूर्व व वर्तमान राष्ट्रपतियों/ राष्ट्राध्यक्षों समेत 56 देशों से पधारे मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व कानूनविदों ने चार दिनों तक चली परिचर्चा के बाद लखनऊ घोषणा-पत्र पारित कर विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित व सुखमय भविष्य का संकल्प लिया। ये सभी मुख्य न्यायाधीश व कानूनविद् अब अपने-अपने देश रवाना हो गये। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है।
श्री शर्मा ने बताया कि स्वदेश रवानगी से पूर्व ऐतिहासिक नगरी लखनऊ भ्रमण पर निकले ये सभी विदेशी अतिथि बहुत ही उत्साहित व प्रफुल्लित थे। लखनऊ की गलियों में घूमते हुए इस दल ने विश्व एकता व विश्व शांति का अद्भुत दृश्य उपस्थित किया। ये सभी विदेशी अतिथि बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, रेजीडेन्सी इत्यादि लखनऊ के ऐतिहासिक स्थलों को देखने गये। लखनऊ दर्शन के दौरान इन विदेशी मेहमानों ने कलात्मक वस्तुओं की जमकर खरीदारी की एवं साथ ही विभिन्न प्रकार के लजीज पकवानों का भी जमकर आनन्द उठाया। एक अनौपचारिक वार्ता में न्यायविदों व कानूनविदों ने कहा कि भारतीय संस्कृति सचमुच वसुधैव कुटुम्बकम की भावना पर आधारित है क्योंकि यहाँ सोच विश्वव्यापी है। यहां हमें बहुत प्यार, सम्मान व अपनापन मिला है और हम अगले वर्ष के सम्मेलन में भी पुनः भाग लेना चाहेंगे।