धारा 377 के फैसले पर बोले सुब्रमण्यम स्वामी, इससे HIV बढ़ेगा
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नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुब्रहमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। स्वामी ने दावा किया कि समलैंगिकता एक आनुवांशिक दोष है। स्वामी ने कहा कि सही है यह समाज में, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से आपकी स्थिति को प्रभावित नहीं करता है। समलैंगिकों के बीच संबंध को अपराध नहीं करार नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह प्राइवेट रूप से किया जाता है।
कोर्ट ने यह भी सही कहा कि किसी की निजी जिंदगी में क्या हो रहा इसे जानने का किसी को कोई हक नहीं और न ही उन्हें सजा देनी चाहिए। लेकिन इस पर मेडिकल रिसर्च होनी चाहिए ताकि इसे सही किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोर्ट के इस फैसले के बाद अब जल्द ही यहां गे बार्स खुलेंगे जहां समलैंगिक जाएंगे और एचआईवी फैलेगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि सरकार 7 जजों की बेंच नियुक्त करेगी जो इस 5 जजों के बेंच के फैसले को बदल सकें। स्वामी पहले भी समलैंगिकता के विरोध में बयान देते आए हैं। दूसरी तरफ आरएसएस ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले से सहमत है लेकिन ‘समलैंगिक विवाह के खिलाफ’ है।