न आरोप वापस लिए जाएंगे और न माफी मांगी जाएगी : अमेरिका
वाशिंगटन (एजेंसी)। भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी के मुददे को लेकर अमेरिका और भारत के बीच जारी राजनयिक विवाद को सुलक्षाने के प्रयासों के बीच अमेरिका ने आज वरिष्ठ राजनयिक के खिलाफ आरोपों को रदद करने और उनके साथ कथित बुरे बर्ताव के लिए माफी मांगने संबंधी भारत की मांगों को नामंजूर कर दिया। देवयानी को पिछले सप्ताह न्यूयार्क में गिरफ्तार किया गया था। विदेश विभाग की प्रवक्ता मारी हर्फ ने कहा कि 39 वर्षीय देवयानी को बेहद गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ेगा और उन्हें संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में स्थानांतरित किए जाने के बाद उन्हें मिलने वाली छूट पिछले प्रभाव से लागू नहीं होगी। हर्फ ने कहा हमने इन आरोपों को बहुत गंभीरता से लिया है । हम इन आरोपों से किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे । फिर से बता दूं कि यह कानून के पालन का मुददा है। उधर दिल्ली में सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों ने उच्च स्तर पर मामले को सुलक्षाने के लिए विशेष उपायों पर चर्चा की है । इस मुददे पर बुधवार को विदेश मंत्री जॉन कैरी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन से और उसके बाद राजनीतिक मामलों की प्रभारी विदेश उप मंत्री वेंडी शेरमन ने विदेश सचिव सुजाता सिंह से चर्चा की थी। यह पूछे जाने पर कि क्या देवयानी को छोड़ दिया जाएगा और अमेरिकी अदालत से आरोपों को खारिज करने को कहा जाएगा हर्फ ने कहा नहीं। राजनयिक के खिलाफ आरोपों को निरस्त किए जाने की संभावना से इंकार करते हुए उन्होंने कहा मुक्षे शिकायत का ब्यौरा मालूम नहीं है और मुक्षे नहीं पता कि क्या केवल शिकायत को वापस लेने से: मैं नहीं कर रही हूं कि कोई इस पर विचार कर रहा है :आरोप समाप्त हो जाएंगे । हर्फ ने कहा निश्चित रूप से हम इस प्रकार के आरोपों को बेहद गंभीरता से लेते हैं । अभियोग चलाया जाए या नहीं यह हमारा फैसला नहीं है । उन्होंने कहा कि अमेरिका हर साल प्रत्येक ऐसे देश को जहां उसके राजनयिक हैं वहां राजनयिक नोट के माध्यम से उन दायित्वों के बारे में सूचित करता है जिनका उन्हें अपने कर्मचारियों को अमेरिका लाने पर पालन करना होगा। हर्फ ने कहा हम इन दायित्वों को पूरी तरह स्पष्ट करते हैं और इन दायित्वों का पालन नहीं किए जाने के प्रत्येक आरोप को हम बेहद गंभीरता से लेते हैं । इसलिए निश्चित रूप से इस पर कोई चर्चा नहीं होने जा रही है । हम केवल चाहते हैं कि प्रक्रिया आगे बढ़े । उन्होंने अमेरिकी सरकारी अभियोजक प्रीत भराड़ा के कथित बेहद सख्त बयान से विदेश मंत्रालय को अलग किए जाने से इनकार किया । भराड़ा के बयान को भारत में काफी सख्त बयान के रूप में देखा गया है । राजनीतिक मामलों के लिए विदेश राज्य मंत्री वेंडी शेरमन और भारत की विदेश सचिव सुजाता सिंह के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद इस प्रकार की रिपोर्टे आयी हैं। भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के बयान को काटते हुए हर्फ ने कहा कि उनके और विदेश मंत्री जान कैरी के बीच किसी बातचीत की योजना नहीं थी और अभी भी ऐसा कुछ नहीं है । उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा : कैरी द्वारा खुर्शीद को फोन करने की: कोई योजना नहीं है।