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नए साल पर जम्मू-कश्मीर को मिलेगा नया मुख्यमंत्री !

दस्तक टाइम्स/एजेंसी-
mufti-620x400जम्मू-कश्मीर। जम्मू -कश्मीेर में इस बार एक बात की खूब चर्चा हो रही है कि सत्तारूढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के मुखिया मुफ्ती मोहम्म द सईद जल्द ही सत्ता अपनी बेटी महबूबा मुफ्ती को सौंपने वाले हैं। जम्मू में 9 नवंबर से सरकार ने काम शुरू किया है। तभी से यह अफवाह सचिवालय और राजनीतिक पार्टियों के दफ्तरों में गर्म है। चर्चा में यह सवाल है कि क्या मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद अपनी बेटी महबूबा मुफ्ती के लिए सत्ता अभी ही छोड़ रहे हैं या वह इसके लिए अगले साल तक इंतजार करेंगे? मुफ्ती 12 जनवरी 2016 को 80 साल के हो जाएंगे। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा आम है कि वह अपनी बेटी और पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (56) को सत्ता सौंप देंगे। पार्टी का काम संभालने के साथ-साथ महबूबा अनंतनाग सीट के सांसद की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं।
Mahbooba-Mufti‘महबूबा सबसे बेहतर’
मुफ्ती और महबूबा के निकट माने जाने वाले एक पीडीपी नेता ने कहा है कि बिना शक वह (महबूबा) सबसे बेहतर है। खासकर पार्टी को फिर से खड़ा करने में उनकी भूमिका को देखते हुए। वह अपने पिता की सबसे विश्वस्त सलाहकार भी हैं। लेकिन, मुफ्ती और महबूबा के समर्थक जितनी उम्मीद लगाए हुए हैं, सत्ता का तबादला उतनी आसानी से होता दिख नहीं रहा है।
‘बुरी तरह नाकाम हुआ गठबंधन’
पार्टी के दो वरिष्ठ नेता और सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग और तारिक हमीद कारा पहले ही राज्य में बीजेपी के साथ पीडीपी के गठबंधन पर सवाल उठा चुके हैं। कांग्रेस-पीडीपी गठबंधन सरकार में बेग उप मुख्यमंत्री थे और कारा वित्त मंत्री। दोनों नेताओं ने 7 नवंबर को राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में शिरकत नहीं की थी। बेग का कहना है कि पीडीपी-बीजेपी गठबंधन लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने में बुरी तरह नाकाम साबित हुआ है। इसका नतीजा राज्य में पीडीपी के खात्मे की शक्ल में आ सकता है। कारा और तल्खी से बात रख रहे हैं। उन्होंने एक बयान में यहां कहा, ‘इससे (पीडीपी-बीजेपी गठबंधन ) बुरी बात जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ और नहीं हो सकती। जिस बात के लिए पार्टी बनी थी, मौजूदा व्यवस्था में उस पर संवाद की गुंजाइश ही नहीं है।

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