नए साल में ऐसे कर सकते हैं पेट का मोटापा कम!
नई दिल्ली: मार्किट में हम जब भी जाते हैं, तो जंक फूड देख उसे खाने को ललचाते हैं। इसके सेवन से कई लोग अपना वज़न बढ़ा लेते हैं, तो कई के शरीर पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। ज़्यादातर लोग जंक फूड खाने की वज़ह से मोटापे का शिकार होते हैं। कई अपना मोटापा, बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) से पता लगाते हैं, तो कई अपने कद से। लेकिन आपको बता दें कि केवल कद और वज़न से मोटापे का पता नहीं लगाया जा सकता है।
मोटापे को जानने का नया और सही तरीका है, बॉडी फैट को नापना। ख़ासतौर पर पेट और कमर के चारों ओर फैट का मौजूद होना। पुरुष, जिनके पेट की चौड़ाई 90 सेंटीमीटर और महिलाएं, जिनके पेट की चौड़ाई 80 सेंटीमीटर से ज़्यादा है, उन्हें मोटापे की परेशानी है। ये एक ऐसी समस्या है, जो आगे आने वाले समय में उनके लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकती है। उन्हें दिल के दौरे और डायबिटीज़ की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मानद महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया कि “सामान्य वज़न होने के बाद भी मोटापे से पीड़ित लोगों का बीएमआई सामान्य होता है। लेकिन अगर उनके पेट की चौड़ाई पर ध्यान दिया जाए, तो वह असामान्य होती है। ये वे लोग होते हैं जो फिट तो दिखते हैं, लेकिन उनका पेट लटका होता है। ऐसे लोगों का अगर लीवर अल्ट्रासाउंड किया जाए, तो उनका लीवर बढ़ा हुआ मिलेगा”।
कद के साथ-साथ अगर वज़न बढ़ता रहे, तो इसमें कोई समस्या नहीं होती। जब कद एक जगह पर रुक जाता है, तो उसके बाकी अंगों का विकास भी रुक जाता है। लड़कियों में यह 16 की उम्र में और लड़कों में 18 साल की उम्र में ऐसा होता है। कोई चीज़ अगर बढ़ती है, तो वह है फैट।
पांच किलो तक वज़न मांसपेशियां बनने से बढ़ सकता है, लेकिन इस उम्र के बाद अगर किसी का वज़न बढ़ने के कुछ और कारण न हों, तो उसे मोटापा ही कहा जाता है। इसकी प्रमुख वज़ह रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार लेना है। ये सफेद चीनी, सफेद मैदे और सफेद चावलों में पाया जाता है। अगर आप अपने कार्बोहाइड्रेट लेने की मात्रा पर नियंत्रण रखें, तो इस नए साल में बिना मोटापा बढ़ाए खुद को फिट रख सकते हैं।